अशोकनगर के मथाना गांव में 20 साल के बाद शहनाई गूंजने वाली है। गांव में 30 अप्रैल को पहली बार बारात आएगी। रविवार को पंच परमेश्वरों ने यज्ञ अनुष्ठान, गौ पूजा और कन्या भोज के साथ इस पहल की शुरुआत की।
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करीब 20 पंच परमेश्वरों ने विधि-विधान से अनुष्ठान संपन्न कराया। कन्या पूजन और भोज के माध्यम से गांव में सामाजिक बदलाव की नींव रखी गई। इस शादी का पूरा खर्च गांववासियों ने मिलकर उठाया है।
इस शादी का पूरा खर्च गांववासियों ने मिलकर उठाया है।
‘कई गांवों में कुप्रथाओं के कारण नहीं हो पाती शादियां’ अखिल भारतीय यादव महासभा के जिला अध्यक्ष केपी यादव ने बताया कि समाज के पंच परमेश्वर ऐसे गांवों में जा रहे हैं, जहां लंबे समय से शादियां नहीं हो रही हैं। जिले के कई गांवों में अलग-अलग कुप्रथाओं के कारण शादियां नहीं हो पाती हैं। कुछ गांवों में बेटियों की शादी नहीं की जाती। कही बेटा और बेटी दोनों की शादी गांव में नहीं करते।
दहेज न लेने की दे रहे हैं प्रेरणा इन परिस्थितियों में ग्रामीणों को शहरों या दूसरे गांवों में ज्यादा खर्च करना पड़ता है। यादव समाज ने पंच परमेश्वरों का चयन कर उन्हें इन गांवों में भेजने का निर्णय लिया है। ये वरिष्ठजन समाज में जागरूकता फैला रहे हैं। साथ ही कम खर्च में शादी करने और दहेज न लेने की प्रेरणा दे रहे हैं।