प्रदेश में निजी स्कूलों की मान्यता को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। शाजापुर में आयोजित अशासकीय स्कूल संचालकों की बैठक में यह मुद्दा प्रमुखता से उठा। मध्य प्रदेश प्रांतीय अशासकीय शिक्षण संस्था संघ के जिला अध्यक्ष दिलीप शर्मा ने बताया कि प्रदेश में करीब
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नए नियमों में सबसे विवादित प्रावधान रजिस्टर्ड किरायानामा का है। ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित कई स्कूल संपदा-2 में रजिस्टर्ड किरायानामा नहीं बनवा पा रहे हैं। 14 फरवरी को मान्यता की अंतिम तिथि समाप्त हो गई, लेकिन स्कूल संचालकों की मांग है कि उन्हें मापदंड पूरे करने के लिए कम से कम एक वर्ष का समय दिया जाए।
कुछ स्कूल संचालकों ने सामान्य स्टांप पेपर पर किरायानामा बनाकर जमा कर दिया है, लेकिन निरीक्षण के बाद लगभग 12,000 स्कूलों की मान्यता इस वर्ष जारी नहीं हो पाएगी। स्कूल संचालकों ने पहले हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जो खारिज हो गई। अब वे सुप्रीम कोर्ट में गए हैं, जहां से उन्हें न्याय की उम्मीद है। आज की बैठक में शाजापुर जिले के सभी ब्लॉक से लगभग 200-250 स्कूल संचालक शामिल हुए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता हरि भुवन्ता ने की।संगठन के वरिष्ठ मार्गदर्शक अशोक पंचोली कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे इसी प्रकार अशासकीय शाला सहयोग संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष उवेश अंसारी विशेष अतिथि के तौर पर सम्मिलित हुए।कार्यक्रम में सभी संचालकों ने अपनी अपनी बात रखी कार्यक्रम का संचालन जिला अध्यक्ष दिलीप शर्मा ने किया एवं आभार शाजापुर ब्लॉक अध्यक्ष इमरान मंसूरी ने माना।