केंद्रीय सुरक्षा संस्थान से रिटायर एंथोनी प्रकाश और उनकी पत्नी से ठगी हुई।
जबलपुर में साइबर ठगों ने एक बार फिर बुजुर्ग दंपती को अपना निशाना बनाया। केंद्रीय सुरक्षा संस्थान से रिटायर 62 वर्षीय एंथोनी प्रकाश और उनकी पत्नी को ठगों ने “डिजिटल अरेस्ट” करते हुए उनसे करीब 11 लाख 75 हजार रुपए ठग लिए।
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ठगों ने खुद को फर्जी पुलिस अधिकारी बताकर दंपती को इतना डरा दिया कि वे उनकी हर बात मानते चले गए। हालात ऐसे बन गए कि उन्होंने साइबर ठगों को 24 घंटे के भीतर रुपए एनईएफटी के माध्यम से ट्रांसफर कर दिए।
इसके बाद भी ठगों का कॉल आता रहा। परेशान होकर बुजुर्ग दंपती ने अपने बेटे को कॉल किया और पूरी घटना बताई। बेटे ने जब जांच की, तो पता चला कि वे नकली पुलिस अधिकारी थे, जिन्होंने उनके साथ ठगी की थी। बुजुर्ग दंपति की शिकायत पर रांझी थाना पुलिस और साइबर टीम ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पहले 1.75 लाख और फिर 10 लाख रुपए ट्रांसफर किए
रांझी थाना क्षेत्र के संजय नगर निवासी एंथोनी और उनकी पत्नी एग्रेश नीना पाल 1 दिसंबर की सुबह घर पर थे। इस बीच नीना पाल के मोबाइल पर एक कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को दिल्ली पुलिस का अधिकारी बताया और कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज है और कोर्ट से वारंट जारी हो चुका है। जल्द ही दिल्ली पुलिस जबलपुर आकर उन्हें गिरफ्तार करेगी।
यह सुनकर नीना घबरा गईं और उन्होंने तुरंत अपने पति एंथोनी को जानकारी दी। इसके बाद ठगों ने एंथोनी को भी धमकी दी। ठगों से इतना डरने के कारण दोनों ने जैसा ठग कह रहे थे, वैसा ही किया।
घबराए दंपति 2 दिसंबर को बैंक जाकर 1.75 लाख और 3 दिसंबर को 10 लाख रुपए ठगों के खाते में एनईएफटी के माध्यम से ट्रांसफर कर दिए।
बेटे को सूचना पर हुआ खुलासा
ठगी के बाद भी ठग लगातार कॉल करते रहे, जिससे परेशान होकर दंपती ने दुबई में जॉब कर रहे अपने बेटे को पूरी घटना की जानकारी दी। बेटे ने जब इस बारे में जानकारी ली, तो पता चला कि यह एक ठगी का मामला है।
पुलिस जांच में जुटी
8 दिसंबर को बुजुर्ग दंपती ने रांझी थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई। थाना प्रभारी मानस द्विवेदी ने बताया कि कॉल राजस्थान से किया गया था। पुलिस और साइबर सेल की टीम अब ठगों का पता लगाने में जुटी हुई है।