कर्रेगुट्टा की पहाड़ को जवानों ने घेर रखा है।
छत्तीसगढ़, तेलंगाना और महाराष्ट्र बॉर्डर पर स्थित कर्रेगुट्टा की पहाड़ी को करीब 10 हजार से ज्यादा जवानों ने पिछले 8 दिनों से घेर रखा है। यहां हिड़मा, दामोदर, देवा जैसे बड़े हार्डकोर नक्सली फंस चुके हैं। इस बीच नक्सलियों के सेंट्रल कमेटी के लीडर अभय ने सर
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अभय ने कहा कि, इससे पहले भी मैंने शांति वार्ता के लिए एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की थी। साथी रूपेश ने भी 2 बार पत्र के माध्यम से समाधान करने को कहा था। पिछले 26-27 दिनों में अब ये मेरा चौथा पत्र है। सरकार और माओवादी मिलकर वार्ता के जरिए समस्या का हल निकाल सकते हैं। शांति वार्ता को लेकर मैंने केंद्रीय कमेटी की ओर से 28 मार्च को ही बयान जारी किया था।
शांति वार्ता करने तैयार नक्सली
सरकार के साथ शांति वार्ता करने के लिए हम तैयार हैं। शांति वार्ता के लिए अभी तक मेरी तरफ से जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति, दंडकारण्य के उत्तर पश्चिम जोन की तरफ से साथी रूपेश की तरफ से 2 प्रेस विज्ञप्ति यानी अब तक कुल 3 प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई है। अभय का कहना है कि, हमने हमारी PLGA को सशस्त्र कार्रवाई को रोकने के आदेश जारी किए हैं।
बड़े लीडर्स को घेर रखा
छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की सीमा में कर्रेगुट्टा इलाके में घेराबंदी कर तेलंगाना, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र से 10 हजार जवानों की तैनाती की गई है। एक बड़ा ऑपरेशन चलाया जा रहा है। यहां न सिर्फ हमारे तीन कामरेड़ों की हत्या की, बल्कि पार्टी के नेतृत्व की भी हत्या करने की कोशिश की जा रही है।
यदि ऐसी ही स्थिति रही तो शांति वार्ता का कोई मतलब नहीं रहेगा। हमारी केंद्रीय कमेटी फिर से केंद्र, राज्य सरकारों से अपील कर रही है कि शांति वार्ता के लिए अनुकूल माहौल बनाएं।