नगर निगम ने माना है कि शहर में 27 होटल में गाइडलाइंस का उल्लंघन किया गया है। इनमें पार्किंग की व्यवस्था तक नहीं है। निगम ने हाईकोर्ट में रिपोर्ट दी है कि इन होटलों को कंपाउंड नहीं किया जाएगा। निगम को 4 सप्ताह के भीतर कार्रवाई कर रिपोर्ट हाईकोर्ट में
.
खास बात ये है कि 2021 से 2025 के बीच निगम ने होटलों को लेकर सर्वे तक नहीं किया है। लुधियाना नगर निगम क्षेत्र में होटल, गेस्ट हाउस, पीजी की संख्या बढ़ी है। इनमें अधिकांश में नेशनल बिल्डिंग कोड की गाइडलाइंस का पालन नहीं किया जा रहा है। स्थानीय निवासी रोहित सब्बरवाल ने इसे लेकर हाईकोर्ट में 2020 में याचिका दायर की थी।
उन्होंने याचिका में बताया था कि शहर में माता रानी चौक, जवाहर नगर कैंप, फिरोजपुर रोड आदि स्थानों में होटल बने हैं जिनमें पार्किंग तक नहीं है। निगम की ओर से इनका सर्वे तक नहीं किया गया और एक्शन तक नहीं लिया गया है। हाईकोर्ट ने सर्वे के आदेश निगम को दिए थे। दो रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश की गईं जिसमें 107 होटल और 102 होटलों के नाम, जगह, मंजिल आदि के बारे में उल्लेख किया गया था।
गाइडलाइंस का उल्लंघन करने वालों पर होगी कार्रवाई
हाईकोर्ट ने वॉयलेशन करने वालों पर एक्शन के आदेश दिए। जिस पर निगम ने एक दर्जन से अधिक होटलों पर कार्रवाई कर रिपोर्ट कोर्ट में सौंपी थी। पिछले सप्ताह दोबारा से हाईकोर्ट में सुनवाई थी जिसमें निगम ने बताया कि 27 होटल में नियमों का उल्लंघन किया गया है और इन पर कार्रवाई नहीं की गई है।
इनमें से कुछ ने कंपाउंड करने के लिए आवेदन किया है लेकिन निगम पंजाब म्यूनिसिपल कारपोरेशन एक्ट 1976 के तहत इन्हें अनुमति नहीं देगा। चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस सुमित गोयल की खंडपीठ ने होटलों द्वारा नियमों के उल्लंघन पर निगम को कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
बता दें कि 2021 से 2025 के बीच शहर में कई नए होटल बने हैं लेकिन इनका सर्वे तक नहीं किया गया है। कमिश्नर आदित्य डेचलवाल ने बताया कि गाइडलाइंस का उल्लंघन करने वाले होटलों पर कार्रवाई की जाएगी।
फिरोजपुर रोड पर नए होटल बन चुके: हाईकोर्ट में मामला 2020 से विचाराधीन है। इस बीच फिरोजपुर रोड पर नए होटल बन चुके हैं। पिछले तीन साल में बड़े होटल यहां अस्तित्व में आए हैं। निगम ने इनमें से कुछ होटलों को नोटिस भी जारी किया था लेकिन बाद में इन्हें कंपाउंडेबल श्रेणी में लाकर कंपाउंड कर दिया।
एक होटल को लेकर निगम अफसरों पर सवाल उठे थे लेकिन दिसंबर 2024 में इस होटल की फाइल भी गायब हो गई है। इस फाइल में अवैध निर्माण को लेकर जरूरी कागजात बताए गए थे। विजिलेंस भी निगम अफसरों की शिकायतों को लेकर जांच करने में जुटी है।
होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन लुधियाना ने हाईकोर्ट में एफिडेविट देकर पक्ष रखा है। उन्होंने कहा कि बस और ट्रेन से आने वाले यात्री उनके होटल में आते हैं। लुधियाना ओल्ड सिटी में वाहनों के कंजेक्शन की समस्या यात्रियों के कारण नहीं आती है जबकि मार्केट, दुकानों में आने वाले विजिटर्स के कारण उत्पन्न होती है। उन्होंने होटलों पर सीलिंग की कार्रवाई पर स्टे लगाने की मांग की थी। एसोसिएशन के मुताबिक कई होटल वर्षों पहले बन चुके थे जबकि एक्ट बाद में बना है।
जवाहर नगर में 30 गज में होटल बने हैं लेकिन इन पर एक्शन करने के लिए निगम प्रशासन तैयार नहीं है। होटलों के बीच संकरी गलियां हैं जहां फायर ब्रिगेड की बड़ी गाड़ी तक नहीं जा सकती है। ये होटल 4-5 मंजिला तक बन चुके हैं।
लेकिन निगम द्वारा गिने चुने होटलों पर कार्रवाई कर खानापूर्ति की जा रही है। माता रानी चौक पर बने होटल शॉप कम फ्लैट वाली जगह पर बने हैं जो नियमों का उल्लंघन है। विगत दिनों निगम ने जिन होटलों को सील किया था। उनकी सील भी कुछ दिनों के बाद खुल गई थी।