छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश को जोड़ने वाले बिलासपुर-जबलपुर हाईवे का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। इस प्रोजेक्ट में 10 मीटर चौड़ी सड़क का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें रास्ते के सभी खतरनाक मोड़ों को सीधा किया जाएगा।
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इस परियोजना के पूरा होने से बिलासपुर से पेंड्रा की दूरी, जो वर्तमान में तीन घंटे में तय होती है, वह घटकर मात्र डेढ़ घंटे रह जाएगी। साथ ही, बिलासपुर और गौरेला पेंड्रा मरवाही जिलों के बीच संपर्क बेहतर होगा।
बिलासपुर-जबलपुर हाईवे में 10 मीटर चौड़ी सड़क का निर्माण किया जा रहा है।
तीन चरणों में पूरी होगी परियोजना
यह परियोजना तीन चरणों में पूरी की जा रही है। पहले चरण में रतनपुर से केंदा तक 140 करोड़ रुपए की लागत से और दूसरे चरण में कारीआम से केंवची तक 170 करोड़ रुपए की लागत से निर्माण कार्य प्रगति पर है।
तीसरे चरण में 226 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से केंदा घाट में फ्लाईओवर का निर्माण प्रस्तावित है, जिसका टेंडर चुनाव के बाद निकाला जाएगा।

रास्ते के सभी खतरनाक मोड़ों को सीधा किया जाएगा।
50 से अधिक मोड़ों को सीधा किया जाएगा
बिलासपुर से केंवची तक केंदा घाट के 8 बड़े मोड़ों सहित 50 से अधिक मोड़ों को सीधा किया जाएगा। इससे यात्रा का समय कम होगा, इसके साथ ही केंदा घाट में होने वाले वाहन खराब होने की समस्या और हादसों में भी कमी आएगी।
दो पहाड़ों को जोड़ा जाएगा
फ्लाईओवर के निर्माण से दो पहाड़ों को जोड़ा जाएगा, जिससे घाट और मोड़ों की समस्या का स्थायी समाधान होगा।
दूरी कम होगी, पहुंच आसान होगा
इस परियोजना के पूरा होने से बिलासपुर से पेंड्रा की दूरी, जो वर्तमान में तीन घंटे में तय होती है, वह घटकर मात्र डेढ़ घंटे रह जाएगी। साथ ही, बिलासपुर और गौरेला पेंड्रा मरवाही जिलों के बीच संपर्क बेहतर होगा।
अमरकंटक, अनूपपुर, शहडोल जैसे पर्यटन स्थलों तक पहुंच आसान होगी और छत्तीसगढ़-मध्य प्रदेश के बीच सड़क संपर्क मजबूत होगा।