धरमजयगढ़ मंडल में 120 हाथियों के दल की मौजूदगी है और फसल नुकसान कर रहे हैं
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिला में 120 हाथियों के दल की मौजूदगी है। ये पूरा दल धरमजयगढ़ वन मंडल के अलग अलग रेंज में है और हाथियों द्वार जिले में 03 तीनों के धान फसल नुकसान की बात करे तो 173 जगह खेतों में किसानों की फसल को रौंदा है। शाम ढलने के बाद हाथियों का
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एक दल ऐसा भी है, जो रात होने के बाद धरमजयगढ़ से रायगढ़ वन मंडल में पहुंचता है और नुकसान कर सुबह होने से पहले वापस लौट जा रहा है। शुक्रवार को रायगढ़ के कमतरा में दो मकानों को भी हाथियों ने क्षतिग्रस्त किया है। सभी धान फसलों के नुकसान का आंकलन किया जा रहा है। ताकि किसानों को मुआवजा दिया जा सके।
धरमजयगढ़ वन मंडल के जंगल में हाथियों के दल की तस्वीर ड्रोन कैमरे से ली गई
एक ही रात में 82 जगह नुकसान रविवार की रात को धरमजयगढ़ वन मंडल में एक ही रात में हाथियों के दल ने 82 जगह खेतों को रौंदा है। इसमें सबसे अधिक नुकसान कापू वन परिक्षेत्र के अलोला ग्राम के विजयनगर, सकालो, करमोहलीपारा, जाताटिकरा, सांगुल सहित कई गांव के खेतों में 53 जगह नुकसान किया है। इसके अलावा दूसरे वन परिक्षेत्र में भी हाथियों ने उत्पात मचाया है।

किसानों के खेत में चलकर भी हाथियों के द्वारा काफी नुकसान किया जा रहा
रात में आए और नुकसान कर चल दिए रविवार की रात को छाल वन परिक्षेत्र की ओर से 14 हाथी का दल रायगढ़ वन मंडल के चारमार गांव में पहुंचा। इसके बाद हाथियों ने यहां जमकर उत्पात मचाया और 10 किसानों के धान फसल को रौंदकर वापस छाल वन परिक्षेत्र की ओर चले गए। इसके अलावा शुक्रवार व शनिवार को भी धरमजयगढ़ वन मंडल की ओर से रायगढ़ आकर हाथियों ने धान नुकसान व मकान को क्षतिग्रस्त किया है।

शाम ढलने के बाद रात में खेतो तक पहुंच रहे हाथी दल
दल में मादा हाथी की संख्या अधिक विभागीय रिपोर्ट के अनुसार धरमजयगढ़ वन मंडल में 120 हाथी हैं और इसमें मादा हाथी की संख्या अधिक है। अलग अलग दल में नर हाथी 32 तो मादा हाथी 58 और इन दलों में शावकों की संख्या 30 है। बताया जा रहा है कि धरमजयगढ़ वन मंडल में हाथियों का दल सड़क पार करते हर दिन नजर आ रहा है। जिसके कारण विभागीय अमला ग्रामीणों को सर्तक कर रहा है।
मुआवजा का आंकलन किया जा रहा इस संबंध में धरमजयगढ़ वन मंडल के डीएफओ अभिषेक जोगावत ने बताया कि हाथियों के द्वारा जो धान फसल नुकसान किया जा रहा है। उसका आंकलन संबंधित कर्मचारी कर रहा है और प्रकरण वन मंडल कार्यालय में आने के बाद कोशिश की जाती है कि जितना जल्दी हो किसानों को नियमानुसार नुकसान का मुआवजा मिल जाए। उनका कहना है कि विभाग की पहली प्राथमिकता होती है कि कोई जनहानि और हाथी को कोई नुकसान न हो। हाथी प्रभावित गांव में मुनादी व बचाव के उपाए बताए जा रहे हैं।