बाइक के जरिए राशन और गोला बारूद लेकर मुठभेड़ स्थल पर पहुंचते हुए जवान।
छ्त्तीसगढ़-तेलंगाना-महाराष्ट्र की सीमा पर करीब 5 हजार जवानों ने अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन शुरू किया है। यहां स्थित कर्रेगट्टा, नडपल्ली, पुजारी कांकेर की पहाड़ी पर हिड़मा, दामोदर, देवा समेत कई बड़े लीडर और उनकी बटालियन को घेर दिया है। इसमें करीब 300 नक्
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इंटेलिजेंस की माने तो नक्सलियों के पास अब दाना-पानी लगभग खत्म हो गया है। अगर है भी तो वो कुछ ही दिन चलेगा। तीनों राज्यों की फोर्स चारों तरफ से पहाड़ को घेर रखी है। फोर्स को पता है नक्सलियों के पास राशन लगभग खत्म है। अगर वे नीचे आए या फिर किसी भी राज्य की तरफ मूवमेंट किए तो उनका एनकाउंटर होना निश्चित है।
नक्सलियों की बटालियन 1, 2 और अन्य कंपनियां सक्रिय
इस इलाके में नक्सलियों की बटालियन नंबर 1, 2, समेत अन्य कंपनियां सक्रिय हैं। टॉप लीडर हिड़मा, देवा, विकास समेत आंध्र-तेलंगाना-महाराष्ट्र के सेंट्रल कमेटी, DKSZCM (दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी), DVCM (डिविजनल कमेटी मेंबर), ACM (एरिया कमेटी मेंबर), संगठन सचिव जैसे बड़े कैडर्स के नक्सली भी यहां मौजूद हैं।
हफ्तेभर का राशन लेकर ऑपरेशन पर फोर्स
अब तक जो इनपुट सामने आए हैं उसके आधार पर महाराष्ट्र से C-60 कमांडोज, तेलंगाना से ग्रेहाउंड्स और छत्तीसगढ़ से DRG के हजारों जवान करीब सप्ताहभर का रसद सामान लेकर ऑपरेशन पर है।

तेलंगाना की तरफ से मुलुगु का वेंकटपुरम, छ्त्तीसगढ़ से नम्बी, पुजारी कांकेर और उसूर नजदीक का इलाका है। यह इलाका नक्सली कमांडर हिड़मा और देवा के गृहगांव पूवर्ती से 20 से 30 किमी की दूरी पर ही है। पूवर्ती से आगे रायगुडेम तक सुरक्षाबलों का कैंप स्थापित कर लिया गया है।
सूत्र बता रहे हैं कि पुजारी कांकेर और नम्बी से ही नक्सलियों का रसद सामान जाता था। पहले पूर्वती से भी आवश्यकताओं की पूर्ति होती थी, लेकिन यहां तक फोर्स पहुंच चुकी है। उधर, तेलंगाना के वेंकटपुरम से भी नक्सली अपनी जरूरतें पूरी करते हैं। लेकिन फोर्स ने इनके सप्लाई चेन को तोड़ दिया है।

तेलंगाना की सीमा पर स्थित अलग-अलग पहाड़ी के ऊपर मौजूद हैं नक्सली।
फोर्स के सामने ये चुनौती
उस पूरे इलाके में पहाड़ियों की अलग-अलग श्रृंखला है। यहां की भौगोलिक स्थिति से नक्सली बखूबी वाकिफ हैं। लेकिन फोर्स को नक्सलियों के ठिकाने तक पहुंचने, पहाड़ चढ़ने में थोड़ी चुनौती है। क्योंकि पहाड़ की चोटी पर नक्सलियों का डेरा है। ऊपर बैठे नक्सली बड़ी आसानी से नीचे टारगेट लगा सकते हैं। लेकिन, नीचे फोर्स को थोड़ी कठिनाई हो सकती है।

रसद, गोला-बारूद और राइफल के साथ मुठभेड़ स्थल पर बाइक से पहुंचते हुए जवान।
चारों तरफ बिछा रखा है बारूद
कुछ दिन पहले तेलंगाना कैडर के नक्सली शांता ने एक प्रेस नोट जारी किया था। जिसमें लिखा था कि कर्रेगट्टा की पहाड़ी पर नक्सलियों ने सैकड़ों बम बिछा रखे हैं। पहाड़ी के चारों तरफ बारूद है। इसलिए किसी भी ग्रामीण को इस इलाके में न आने की हिदायत दी थी।
वहीं नक्सलियों को कहीं न कहीं इस बात की भनक पहले ही लग गई थी कि फोर्स यहां बड़ा ऑपरेशन लॉन्च करने वाली है। इसलिए नक्सलियों ने भी पहले से ही तैयारी कर रखी है। और IED प्लांट कर ग्रामीणों को सचेत करना उनकी प्लानिंग का एक हिस्सा है।

जवानों को हेलीकॉप्टर से मुठभेड़ स्थल पर छोड़ा जा रहा है। ये वीडियो तेलंगाना का है।
ड्रोन और हेलीकॉप्टर से निगरानी, नक्सलियों के बंकर भी
इस पूरे इलाके में फोर्स के करीब 2 से 3 हेलीकॉप्टर घूम रहे हैं। वहीं दर्जनों ड्रोन से इलाके की निगरानी रखी जा रही है। वहीं पहाड़ियों की कुछ श्रृंखला ऐसी है जो 40 से 50 मीटर खड़ी है। यहां छिपने के लिए नक्सलियों ने दर्जनों बंकर बना रखे हैं। भारी भारी मात्रा में असला-बारूद है।
मिशन 2006… एक्शन में फोर्स
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कह दिया है कि 31 मार्च 2026 तक पूरे देश भर से नक्सलियों का खात्मा कर दिया जाएगा। इसी के तहत अब फोर्स को फ्री हैंड छोड़ा गया है। छत्तीसगढ़, तेलंगाना और महाराष्ट्र में फोर्स एक्शन मोड पर है। अगर इस ऑपरेशन में जवान सफल होते हैं और नक्सलियों को भारी नुकसान होता है तो ये नक्सलवाद से आजादी की अंतिम लड़ाई साबित हो सकती है।
विजय शर्मा कर रहे मॉनिटरिंग
बताया जा रहा है कि पूरे ऑपरेशन की छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा मॉनिटरिंग कर रहे हैं। IG से एक-एक मूवमेंट की जानकारियां ले रहे हैं। वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा और DGP के साथ लगातार संपर्क में हैं। यहां की सारी रिपोर्ट केंद्र सरकार तक पहुंच रही है।
ग्रामीण सुने IED ब्लास्ट और गोलियों की आवाज
उस इलाके के ग्रामीणों का कहना है कि पिछले 2 दिनों से गोलियों की आवाज आ रही है। हेलीकॉप्टर घूम रहे हैं। IED ब्लास्ट की भी आवाज सुनाई दी गई है। हालांकि, इस ऑपरेशन को लेकर अब तक बस्तर IG सुंदरराज पी, DIG कमलोचन कश्यप, बीजापुर SP जितेंद्र यादव की तरफ से पुष्टि नहीं हुई है।
हालांकि, सुकमा जिले के SP किरण चव्हाण का कहना है कि जवान ऑपरेशन पर हैं।
शांति वार्ता एक बहाना, तैयारी करना चाह रहे थे नक्सली
नक्सलियों की तरफ से शांतिवार्ता के लिए लगातार पर्चा जारी किया जा रहा है। नक्सली बार-बार सरकार से कह रहे हैं कि बस्तर में ऑपरेशन रोका जाए, हमें अपने साथियों से, नेतृत्वकर्ताओं से युद्धविराम के लिए बैठकर बात करनी है। इस बात से यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह नक्सलियों की कोई बड़ी प्लानिंग हो सकती है।
या फिर नक्सली अब फोर्स के घेरे में फंस चुके हैं। इसलिए वे अपने साथियों के मूवमेंट के लिए और नई प्लानिंग के लिए शांति वार्ता की बात कह रहे हैं। लेकिन, CG के गृह मंत्री विजय शर्मा ने साफ कह दिया है कि ऑपरेशन नहीं रुकेगा। नक्सली हिंसा का रास्ता छोड़ दें, हथियार डाल दें।


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