नई दिल्ली5 मिनट पहले
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बजट में इस बार सरकार ने 36 जीवन रक्षक दवाओं से कस्टम ड्यूटी हटा दी है। इसके अलावा लिथियम-आयन बैटरी स्क्रैप से भी ड्यूटी हटाना का ऐलान किया गया है। इससे जीवन रक्षक दवाएं और बैटरी सस्ती होंगी। वहीं सरकार ने इंटरेक्टिव फ्लैट पैनल डिस्प्ले पर ड्यूटी 10% से बढ़ाकर 20% कर दी है, जिससे ये महंगा होगा।
हालांकि, ये प्रोडक्ट कितने सस्ते या महंगे होंगे ये तय नहीं है। सरकार ने 1 जुलाई 2017 को देशभर में GST लागू किया था, जिसके बाद से बजट में केवल कस्टम ड्यूटी बढ़ाई-घटाई जाती है। ड्यूटी के बढ़ने और घटने का इनडायरेक्ट असर चीजों की कीमतों पर पड़ता है।
सस्ता
प्रोडक्ट | वजह |
जीवन रक्षक दवाएं | 36 जीवन रक्षक दवाओं से कस्टम ड्यूटी हटाई |
बैटरी | लिथियम-आयन बैटरी स्क्रैप से ड्यूटी हटाई |
शिप मैन्युफैक्चरिंग | रॉ मटेरियल से कस्टम ड्यूटी हटाई |
फुटवियर, फर्नीचर, हैंडबैग | वेट ब्लू लेदर से कस्टम ड्यूटी हटाई |
महंगा
प्रोडक्ट | वजह |
इंटरेक्टिव फ्लैट पैनल डिस्प्ले | कस्टम ड्यूटी 10% से बढ़ाकर 20% की |
7 ग्राफिक्स में देखें बीते एक साल में क्या सस्ता हुआ और क्या महंगा…

3 सवालों में जानिए बजट में कैसे घटते-बढ़ते हैं सामानों के दाम
सवाल 1: बजट में प्रोडक्ट सस्ते-महंगे कैसे होते हैं? जवाब: बजट में कोई भी प्रोडक्ट सीधे तौर पर सस्ता-महंगा नहीं होता। कस्टम ड्यूटी, एक्साइज ड्यूटी जैसे इनडायरेक्ट टैक्स के घटने-बढ़ने से चीजें सस्ती-महंगी होती है। ड्यूटी के बढ़ने और घटने का इनडायरेक्ट असर चीजों की कीमतों पर पड़ता है।
इसे एक उदाहरण से समझते हैं। मान लीजिए, सरकार ने बजट में ऐलान किया कि वो गोल्ड पर इंपोर्ट ड्यूटी में 10% की कटौती कर रही है। इसका असर ये होगा कि विदेश से सोना मंगाना 10% सस्ता हो जाएगा। यानी, सोने की ज्वेलरी, बिस्किट, सिक्के की कीमतें कम हो जाएगी।
सवाल 2: इनडायरेक्ट टैक्स क्या होता है? जवाब: टैक्सेशन को डायरेक्ट टैक्स और इनडायरेक्ट टैक्स में बांटा गया है:
i. डायरेक्ट टैक्स: इसे लोगों की आय या मुनाफे पर लगाया जाता है। इनकम टैक्स, पर्सनल प्रॉपर्टी टैक्स जैसे टैक्स इसमें आते हैं। डायरेक्ट टैक्स का बोझ वह व्यक्ति ही वहन करता है जिस पर टैक्स लगाया गया है और इसे किसी और को पास नहीं किया जा सकता है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) इसे गवर्न करती है।
ii. इनडायरेक्ट टैक्स: इसे वस्तुओं और सेवाओं पर लगाया जाता है। कस्टम ड्यूटी, एक्साइज ड्यूटी, GST, VAT, सर्विस टैक्स जैसे टैक्स इसमें आते हैं। इनडायरेक्ट टैक्स को एक व्यक्ति से दूसरे को शिफ्ट किया जा सकता है।
जैसे होलसेलर इसे रिटेलर्स को पास करता है, जो इसे ग्राहकों को पास कर देते हैं। यानी, इसका असर अंत में ग्राहकों पर ही पड़ता है। इस टैक्स को सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स (CBIC) गवर्न करती है।
सवाल 3: पहले बजट में ही टीवी, फ्रिज, एसी जैसे सामानों के दाम घटते-बढ़ते थे, अब ऐसा क्यों नहीं होता? जवाब: दरअसल, सरकार ने 1 जुलाई 2017 को देशभर में जीएसटी लागू किया था। जीएसटी में दायरे में लगभग 90% प्रोडक्ट आते हैं और GST से जुड़े सभी फैसले GST काउंसिल लेती है। इसलिए बजट में इन प्रोडक्ट्स की कीमतों में कोई बदलाव नहीं होता है।