क्रिकेट मैच में एक टीम से 11 खिलाड़ी मैदान पर खेलते हैं और विपक्षी टीम को ऑलआउट करने में सभी खिलाड़ियों का कुछ न कुछ योगदान रहता है। हालांकि ऐसा बेहद कम देखने को मिलता है जब कुछ खिलाड़ी मिलकर ही सामने वाली टीम को धराशाई कर दे। ऐसा ही कुछ देखने को मिला भारत और न्यूजीलैंड के बीच पुणे में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच में। इस मैच का आज पहला दिन था और टीम इंडिया के गेंदबाजों ने पहले बल्लेबाजी करने वाली न्यूजीलैंड को 259 रनों पर ऑलआउट कर दिया। इस तरह टीम इंडिया ने अपने टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में अनोखा कारनामा कर दिया।
टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी न्यूजीलैंड को पहले 3 झटके भारत के अनुभवी स्पिनर आर अश्विन ने दिए। उन्होंने टॉम लैथम, विल यंग और डेवोन कॉन्वे का शिकार किया। इसके बाद वाशिंगटन सुंदर ने मोर्चा संभाला और एक के बाद एक कुल 7 बल्लेबाजों का शिकार करने के साथ ही इतिहास रच दिया।
सुंदर की धमाकेदार वापसी
दरअसल, इस मैच के जरिए सुंदर की लंबे समय बाद टीम इंडिया में वापसी हुई। उन्होंने मार्च 2021 में अपना पिछला टेस्ट मैच खेला था और अब 3 साल से भी ज्यादा समय बीत जाने के बाद उन्हें प्लेइंग इलेवन में मौका दिया गया। इस मौके को सुंदर ने दोनों हाथ से लपकते हुए रचिन रवींद्र के रुप में अपना पहला शिकार किया। इस तरह 1329 दिन के बाद उनकी झोली में पहला टेस्ट विकेट आकर गिरा। इसके बाद उन्होंने विकटों की झड़ी लगाते हुए न्यूजीलैंड के 7 बल्लेबाजों को पवेलियन का रास्ता दिखा दिया। दिलचस्प बात ये रही कि सुंदर ने 7 में से 5 बल्लेबाजों को बोल्ड आउट किया। इस तरह सुंदर टेस्ट मैच की एक पारी में 5 बल्लेबाजों को बोल्ड आउट करने वाले भारत के 5वें गेंदबाज बन गए।
एक पारी में सबसे ज्यादा बल्लेबाजों को बोल्ड आउट करने वाले भारतीय गेंदबाज
- 5 – जसुभाई पटेल बनाम ऑस्ट्रेलिया, कानपुर 1959
- 5 – बापू नादकर्णी बनाम ऑस्ट्रेलिया, ब्रेबोर्न 1960
- 5 – अनिल कुंबले बनाम साउथ अफ्रीका, जोहानिसबर्ग 1992
- 5 – रवींद्र जडेजा बनाम ऑस्ट्रेलिया, दिल्ली 2023
- 5 – वाशिंगटन सुंदर बनाम न्यूजीलैंड, पुणे 2024
आर अश्विन और वाशिंगटन सुंदर ने मिलकर सभी 10 विकेट अपने नाम किए। इन दोनों के अलावा सिर्फ एक और खिलाड़ी ऋषभ पंत का न्यूजीलैंड को ऑलआउट करने में योगदान रहा। दरअसल, विकेट के पीछे पंत ने 2 कैच लपके। इस तरह भारत के सिर्फ 3 खिलाड़ियों ने मिलकर न्यूजीलैंड की पूरी टीम को ढेर कर दिया। भारत के टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में तीसरी बार ऐसा हुआ है जब विपक्षी टीम को ऑलआउट करने में सिर्फ 3 खिलाड़ियों को योगदान रहा। इससे पहले जसु पटेल, चंदू बोर्डे और अब्बास अली बेग ने साल 1959 में कानपुर टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया की टीम को और साल 1965 में एस. वेंकटराघवन, भागवत चंद्रशेखर और चंदू बोर्डे ने दिल्ली टेस्ट में न्यूजीलैंड को ऑलआउट किया था।
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