4 करोड़ खर्च करने के बाद खंडहर में तब्दील हुआ अधूरा भवन।
बिलासपुर में 6 साल से अधूरे साइंस कॉलेज ऑडिटोरियम का काम अब जल्द ही शुरू हो जाएगा। उस समय पीडब्ल्यूडी के तत्कालीन कार्यपालन यंत्री (EE) और ठेकेदार के आपसी विवाद के चलते काम रुक गया था। जिसके बाद शुरू नहीं हो सका। ऑडिटोरियम का काम तब 13.46 करोड़ में पू
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अब इसकी लागत 22 करोड़ हो गई है। शासन से स्वीकृति मिलने के बाद रविवार को डिप्टी सीएम अरूण और केंद्रीय राज्यमंत्री तोखन साहू इसका भूमि-पूजन करेंगे। जिसके बाद अधूरे ऑडिटोरियम का काम जल्द पूरा होने की उम्मीद है।
प्रगति मैदान की तरह विकसित करने की योजना
दरअसल, तत्कालीन नगरीय प्रशासन मंत्री अमर अग्रवाल ने साइंस कॉलेज मैदान को दिल्ली की प्रगति मैदान की तरह विकसित करने की योजना बनाई थी। इसके लिए उन्होंने साइंस कॉलेज के इस मैदान में 720 सीटर क्षमता वाले ऑडिटोरियम बनाने के लिए भी प्रस्ताव तैयार कराया था।
साल 2017 में ऑडिटोरियम निर्माण के लिए राज्य शासन ने 13.46 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी थी। ऑडिटोरियम बनाने की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी को दी गई थी, जिसकी कार्यपूर्णता की अवधि 19 जून 2019 तय की गई थी।
साल 2019 में पूरा होना था आडिटोरियम का निर्माण।
सरकार बदली फिर ठेकेदार-EE के विवाद में फंसा ऑडिटोरियम
इस बीच साल 2018 में प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुआ और कांग्रेस की सरकार आ गई। इसी दौरान ऑडिटोरियम का काम करा रहे विकास कंस्ट्रक्शन कंपनी और तत्कालीन कार्यपालन यंत्री महादेव लहरे के बीच आपसी विवाद हो गया। जिसके चलते ठेकेदार ने दिसंबर 2019 में काम बंद कर दिया।
इस दौरान पीडब्ल्यूडी के अफसरों ने न तो ठेकेदार पर कोई कार्रवाई की और न ही अधूरे ऑडिटोरियम का काम पूरा करने पर ध्यान दिया। इसके चलते ऑडिटोरियम की लागत अब 22 करोड़ रुपए हो गई है।
बेलतरा MLA की पहल पर मिली स्वीकृति, तीन जिलों को भी लाभ
सालों से लंबित और अधूरे पड़े निर्माण को आखिरकार राज्य शासन ने स्वीकृति दे दी है। बिलासपुर साइंस कॉलेज ऑडिटोरियम प्रोजेक्ट के साथ ही दुर्ग, जगदलपुर और अंबिकापुर में ऑडिटोरियम निर्माण के लिए करीब 12 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृति दी गई थी। टेंडर होने के बाद यहां भी काम शुरू हो गया था। लेकिन, निर्माण कार्य के दौरान ही विवाद होने के कारण काम अधूरा रह गया था।
बिलासपुर में प्लिंथ लेबल पर काम रोक दिया गया था। जिसमें, अनुमानित 4 करोड़ की राशि खर्च की गई थी। यही स्थिति दूसरे जिलों का भी था। बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला ने इस अधूरे काम को पूरा कराने के लिए पीडब्ल्यूडी के अफसरों की मीटिंग ली।
जिसके बाद उन्होंने अधूरे काम को पूरा करने के लिए ऑडिटोरियम निर्माण को पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति देने के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, विभागीय मंत्री अरुण साव और वित्त मंत्री ओपी चौधरी से मांग की। जिसके परिणाम स्वरूप राज्य शासन ने बिलासपुर के सहित लंबित चार जिलों में वर्षों से अधूरे निर्माण को पूर्ण करने पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दी है।
आडिटोरियम सहित 40 करोड़ के काम का भूमि-पूजन आज
बेलतरा विधानसभा में एक बार फिर से करोड़ों रुपए के विकास काम की नींव रखी जाएगी। जिनमें अरपा नदी में पुल निर्माण समेत शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के विभिन्न कार्य शामिल हैं। सरकंडा स्थित जिला खेल परिसर में रविवार की दोपहर 12 बजे होने वाले इस आयोजन में केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, डिप्टी सीएम अरुण साव, बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला, महापौर पूजा विधानी और जिला पंचायत अध्यक्ष राजेश सूर्यवंशी मौजूद रहेंगे।
इस अवसर पर लोधीपारा सरकंडा कोनी मार्ग पर उच्च स्तरीय पुल के निर्माण, खारुन नदी पर सेलर पौसरा मार्ग पर उच्च स्तरीय पुल निर्माण, नगर निगम जोन कार्यालय क्रमांक 7 के कार्यों का भूमिपूजन, खमतराई, फरहदा, मंगला दीनदयाल कालोनी, चांटीडीह, और नगोई में सामुदायिक भवन निर्माण सहित विभिन्न विकास कार्यों का भी भूमिपूजन होगा। कार्यक्रम में ग्रामीण जिला अध्यक्ष मोहित जायसवाल, जनपद अध्यक्ष रामकुमार कौशिक, जिला पंचायत सदस्य, जनपद सदस्य,नगर निगम एमआईसी सदस्य सहित भाजपा कार्यकर्ता मौजूद रहेंगे।