सम परीक्षा विभाग में करीब 7 करोड़ रुपए के घोटाले के मास्टरमाइंड संदीप शर्मा को ओमती पुलिस ने बुधवार शाम गिरफ्तार कर लिया। दो महीने से फरार चल रहे संदीप को पुलिस ने उस वक्त पकड़ा जब वह अपने परिवार के साथ देखा गया। पुलिस ने संदीप के साथ उसकी पत्नी स्वा
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संदीप शर्मा ऑडिट विभाग में कार्यरत था और उसे पैरोल जेनरेशन और बिल क्रिएशन का जिम्मा सौंपा गया था। इसी भूमिका का दुरुपयोग करते हुए उसने सॉफ्टवेयर में छेड़छाड़ कर हर महीने लगभग 4.30 लाख रुपए की फर्जी सैलरी अपने खाते में ट्रांसफर की। यह रकम उसकी मूल सैलरी से 56 लाख 58 हजार रुपए अधिक थी। इसके अलावा संदीप ने अर्जित अवकाश समर्पण और समूह बीमा योजना के चार करोड़ 59 लाख 82 हजार रुपए एवं परिवार कल्याण निधि की राशि 57 लाख 87 हजार रुपए का भुगतान अपने और अपने रिश्तेदारों के बैंक खाते में जमा किए थे।
उपसंचालक के खाते में भी जमा किए थे पैसे
पुलिस की जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि बाबू संदीप शर्मा ने उपसंचालक मनोज बरहैया एवं सीमा अमित तिवारी, प्रिया बिश्नोई सहित अनूप के खाते में भी रकम पहुंचाई थी। जानकारी के मुताबिक आरोपी को पकड़ने के लिए कई जिलों में टीम रवाना की गई थीं, लेकिन सुराग नहीं मिल रहा था कि वह आखिरकार कहां जाकर छुप गया है। संदीप ने हिरासत में लिए गए परिजनों के बैंक खातों में लाखों रुपए ट्रांसफर किए हैं।
ओमती थाने ने दर्ज किया था प्रकरण
संदीप शर्मा के खिलाफ 12 मार्च को ओमती थाने में धोखाधड़ी सहित कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था, जैसे ही उसे यह जानकारी लगी तो वह फरार हो गया, इसके बाद जबलपुर पुलिस ने उसके खिलाफ 20000 रुपए का इनाम घोषित किया था।
चार आरोपी अभी भी फरार
इस घोटाले में शामिल उपसंचालक मनोज बरहैया, सीमा अमित तिवारी, अनूप कुमार बोरिया और प्रिया बिश्नोई फरार हैं। पुलिस ने इन पर भी 20000 रुपए का इनाम घोषित किया है। ओमती पुलिस का दावा है कि जल्द ही यह लोग भी पुलिस गिरफ्त में होंगे।