अशोकनगर में नगर विकास समिति ने मंगलवार को अपर कलेक्टर को एक महत्वपूर्ण ज्ञापन सौंपा। समिति ने 95 साल पुरानी सरकारी जमीन को भू-माफियाओं से बचाने की मांग की है।
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यह जमीन 13 अप्रैल 1929 को मंदसौर निवासी मुरलीधर वासुदेव को जिनिंग फैक्ट्री के लिए लीज पर दी गई थी। बाद में फैक्ट्री बंद हो गई और वहां एक भवन बना दिया गया। निसंतान मुरलीधर ने शांतनु कुमार गनेड़ी वाला को गोद लिया और भूमि का पक्का कृषक पट्टा बनवाया।
शासन के पक्ष में करने का आदेश दिया था जमीन देने के समय जमींदारी प्रथा लागू थी। प्रथा समाप्त होने के बाद इस जमीन को शासन के नाम दर्ज होना था। गुना की तत्कालीन कलेक्टर नीलम शमी राव ने 11 मार्च 2002 को पक्का कृषक के अधिकारों को आधारहीन मानते हुए जमीन शासन के पक्ष में करने का आदेश दिया। लेकिन प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की।
भू-माफियाओं के पक्ष में निर्णय दिया उच्च न्यायालय की एकल खंडपीठ ने 13 मार्च 2025 को शासन के दस्तावेज न होने के कारण भू-माफियाओं के पक्ष में निर्णय दिया। समिति ने डबल बेंच में अपील की मांग की है। नगर विकास समिति पिछले 35 वर्षों से इस जमीन को बचाने का प्रयास कर रही है। शहर के मध्य में स्थित यह जमीन नगर विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।