Kashi se kaun si chij ghar nahi lana chahiye: हिंदू धर्म में वाराणसी (Varanasi) शहर में स्थित काशी (Kashi) बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है। इसे मोक्ष की नगरी (Moksh Ki Nagari) भी कहा जाता है। यहां लोग अपने पापों के साथ-साथ जीवन-मरण के चक्र से भी मुक्ति पाने के लिए आते हैं। हालांकि आज यह तीर्थ स्थल (Holy Pilgrimage) एक पर्यटक स्थान भी बन चुका है, जहां रोजाना हजारों की संख्या में लोग घूमने और काशी विश्वनाथ (Kashi Vishwanath) के दर्शन के लिए आते हैं। ऐसे में अगर आप भी काशी जा रहे हैं, तो यहां से दो चीज भूलकर भी घर न लाएं नहीं तो आपको महापाप का भागी बनना पड़ सकता है।
पौराणिक कथाओं (Mythology) के मुताबिक काशी शहर की रचना खुद भगवान शिव (Shiv Ji) ने की थी। वहीं धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक काशी (Kashi) महादेव (Mahadev) के त्रिशूल पर टिका हुआ है। ऐसे में लोग यहां अपने बुरे कर्मों के पापों की मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति के लिए आते हैं। हालांकि शास्त्रों के मुताबिक यहां से दो चीज ऐसी हैं, जिन्हें भूलकर भी घर नहीं ले जाना चाहिए। जिनके बारे में आज हम इस आर्टिकल में जानेंगे।
काशी से किन दो चीजों को भूलकर भी घर नहीं लाना चाहिए?
काशी का गंगाजल (Kashi Ganga Jal)
धार्मिक मान्यता के मुताबिक काशी से भूलकर भी गंगाजल नहीं लाना चाहिए। अगर आप यहां से गंगाजल लेकर आते हैं, तो आपको महापाप लग सकता है, क्योंकि उस पानी में मृतक आत्मा के अंग, राख या अवशेष आ जाते हैं तो मृतक का मृत्यु और पुनर्जन्म का चक्र बाधित होगा। इस वजह से आत्मा को पूरी तरह से मोक्ष नहीं मिल पाता है। काशी के जीवमात्र को उनके मोक्ष के इस अधिकार से वंचित करना महापाप माना जाता है।
काशी की मिट्टी (Kashi Mitti)
वैसे तो काशी (Kashi) की मिट्टी या रेत को बहुत पवित्र माना जाता है, लेकिन अगर शास्त्रों की मानें तो इसे भूलकर भी घर नहीं लाना चाहिए नहीं, तो महापाप लगता है। मान्यता है कि काशी की मिट्टी में भगवान शिव की शक्ति है और इसे घर लाने से उस शक्ति का अपमान होता है। साथ ही लाने वाला व्यक्ति महापाप का भागी होता है।