रीवा मेडिकल कॉलेज को आउटसोर्स पर कर्मचारी उपलब्ध कराने वाली निजी एजेंसी और उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला के बयान को लेकर कर्मचारियों का गुस्सा कम नहीं हो रहा है। इन कर्मचारियों ने लगातार दूसरे दिन (बुधवार को) भी कालीपट्टी बांधकर प्रदर्शन जारी रखा। अ
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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घोषणा की थी कि कर्मचारियों को अक्टूबर को वेतन दिवाली से पहले मिल जाएगा। रीवा मेडिकल कॉलेज में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों ने रोजगार देने वाली निजी कंपनी से इस आदेश का पालन करने को कहा। इस पर 5 कर्मचारियों को कंपनी ने बर्खास्त कर दिया। ऑल डिपार्टमेंट आउटसोर्स अस्थाई कर्मचारी मोर्चा के अध्यक्ष वासुदेव शर्मा बताते हैं कि कर्मचारी कंपनी की मनमानी की शिकायत लेकर उपमुख्यमंत्री के पास पहुंचे, तो वे उल्टे कर्मचारियों पर ही बरस पड़े। इस व्यवहार से कर्मचारी आहत हुए हैं और न्याय चाहते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर के कर्मचारियों से 1 दिसंबर के लिए तैयार रहने को कहा गया है। यदि ऐसी नौबत आई, तो प्रदेश के प्रत्येक जिले से कर्मचारी रीवा पहुंचेंगे और उप मुख्यमंत्री के निवास पर सामूहिक उपवास पर बैठेंगे।

खरगोन के आउटसोर्स कर्मचारियों ने किया समर्थन
खरगोन जिले के महेश्वर स्थित नर्मदा परियोजना के आउटसोर्स कर्मचारियों ने बुधवार को काली पट्टी बांधकर रीवा के साथियों का समर्थन किया और उपमुख्यमंत्री से बर्खास्त कर्मचारियों की बहाल कराने की मांग की। नर्मदा परियोजना के कर्मचारी का संगठन रेवा उदय कर्मचारी संघ मंडलेश्वर के पदाधिकारियों अखिलेश पाटीदार, श्रीराम कोडिया, चेतन ऴछोरे, ललित उपाध्याय, रितेश बागवान, लोकेश बागवान, कमलेश पाटीदार एवं अन्य ने आंदोलन में एकजुटता व्यक्त करके हुए काली पट्टी बांधी।
उप मुख्यमंत्री से चर्चा जारी
आउटसोर्स कर्मचारियों के बढ़ते आक्रोश को देखते हुए उप मुख्यमंत्री कार्यालय सक्रिय हुआ है। कर्मचारी नेताओं ने सीधे उप मुख्यमंत्री से चर्चा चल रही है। उम्मीद की जा रही है कि इस विवाद का हल आज ही निकल जाएगा।