पंजाब यूनिवर्सिटी ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट को आश्वासन दिया है कि यूनिवर्सिटी परिसर में अब हाथ से मैला उठाने की कोई घटना नहीं होगी। यूनिवर्सिटी ने कोर्ट को दिए एफेडेविट में बताया कि डॉ. बलराम सिंह बनाम भारत संघ मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी
.
सुनवाई के दौरान, चीफ जस्टिस नागू ने पंजाब यूनिवर्सिटी के वकील से यह सवाल किया कि जब भारत में हाथ से मैला उठाने पर प्रतिबंध है, तो ऐसी घटना कैसे हुई। इस पर वकील ने न्यायालय को आश्वासन दिया कि अब ऐसी कोई घटना नहीं होगी और सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का पूरी तरह पालन किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट 2023 में जारी कर चुका दिशा निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने 20 अक्टूबर, 2023 को डॉ. बलराम सिंह मामले में केंद्र और राज्य सरकारों को हाथ से मैला उठाने की प्रथा को पूरी तरह समाप्त करने के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए थे। जस्टिस एस रवींद्र भट और जस्टिस अरविंद कुमार की पीठ ने हाथ से मैला ढोने वालों के पुनर्वास और रोजगार के अवसरों को सुनिश्चित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को चौदह निर्देश जारी किए थे।
पीठ ने यह भी निर्देश दिया कि पीड़ितों और उनके परिवारों के पुनर्वास के लिए सक्रिय उपाय किए जाएं और उनकी छात्रवृत्ति व कौशल विकास कार्यक्रम सुनिश्चित किए जाएं। जस्टिस भट ने इस दौरान डॉ. अंबेडकर के शब्दों का उद्धरण करते हुए कहा, “हमारी लड़ाई सत्ता के धन के लिए नहीं है। यह स्वतंत्रता के लिए लड़ाई है। यह मानव व्यक्तित्व के पुन: प्राप्ति के लिए लड़ाई है।”