महिला के मौत की सूचना मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया।
बारासगवर थाना क्षेत्र के टेढ़ा गांव में गुरुवार दोपहर को हुए एक भीषण पटाखा विस्फोट हुआ था। इसमें गंभीर रूप से घायल दंपती समेत तीन लोगों में से एक महिला की शुक्रवार शाम को कानपुर के अस्पताल में मौत हो गई। हादसे की खबर मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया।
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बारासगवर थाना क्षेत्र के उन्नाव-भोजपुर सड़क मार्ग स्थित करनईपुर गांव के निवासी सुनील पटाखा बेचने का काम करता है। उसने अपने दो मंजिला घर में अवैध रूप से गोला, सुतली बम और अन्य प्रतिबंधित आतिशबाजी का भंडारण कर रखा था। गुरुवार सुबह करीब 11 बजे सुनील अपनी पत्नी बीना और एक अन्य सहयोगी के साथ बारूद का भंडारण कर रहा था तभी गैस सिलेंडर की चिंगारी से पूरा घर बारूद के ढेर में तब्दील हो गया। तेज धमाके और काले धुएं ने पूरे इलाके में हड़कंप मच गया।
दो लोगों की हालत गंभीर
इस विस्फोट में सुनील और एक अन्य व्यक्ति गंभीर रूप से झुलस गए, जिन्हें पुलिस ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। मलबे में दबी सुनील की पत्नी बीना की कानपुर के अस्पताल में मौत हो गई। गांव के निवासी अयोध्या प्रसाद ने बताया कि 17 साल पहले भी उनके पिता नन्हे पटाखे के कारोबार के दौरान एक विस्फोट में मारे गए थे। तब से यह कारोबार उनके बेटे सुनील ने संभाल लिया था। अवैध कारोबार का यह सिलसिला अब फिर से एक बड़े हादसे का कारण बना है।
महिला के मौत की सूचना मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया।
दो साल पहले भेजा गया था जेल
सुनील पर दो साल पहले भी एक लोडर पटाखा बरामद होने के बाद पुलिस ने छापेमारी की थी और उसे जेल भेजा था। हालांकि, जमानत मिलने के बाद वह फिर से कारोबार में जुट गया था और शादी-पार्टियों में आतिशबाजी का बुकिंग भी करता था। इस घटना के बाद, पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच तेज कर दी है और संबंधित अधिकारियों से इस अवैध कारोबार को लेकर जवाबतलब किया जा रहा है।

महिला के मौत की सूचना मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया।