Thursday, December 26, 2024
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सावधान! कहीं आप भी न हो जाएं डिजिटल अरेस्ट: हेलो! मैं CBI-पुलिस का ऑफिसर बोल रहा हूं, ड्रग्स की तस्करी में आपका नाम, करते हैं मेंटली टॉर्चर, ऐसे बचें – Jagdalpur News



हेलो! मैं CBI, पुलिस का बड़ा अधिकारी बोल रहा हूं। ड्रग्स की तस्करी, मनी लॉन्ड्रिंग में आपका नाम है। वीडियो कॉल करिए और हमारे सवालों जा जवाब दीजिए।

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यदि आप के पास भी ऐसे कोई फ्रॉड कॉल आए तो सावधान हो जाएं। ये साइबर ठगों का डिजिटल अरेस्ट कर मोटी रकम वसूलने का तरीका है।

दरअसल, इन दिनों राज्य में साइबर फ्रॉड, डिजिटल अरेस्ट के मामले काफी बढ़ गए हैं। व्हॉटसप पर अननोन नंबर से वीडियो कॉल कर अश्लील तस्वीरों के साथ आप की वीडियो बनाना, फिर पुलिस अधिकारी बनकर आपको परेशान करना ये सबसे आसान तरीका है।

वहीं ड्रग्स तस्करी, मनी लॉन्ड्री जैसे कई झूठे मामले में साइबर ठग लोगों को बड़ी आसानी से फंसा रहे हैं। बस्तर में पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट क्या है? इससे कैसे बचा जाए? यदि आप इस झांसे में फंस चुके हैं तो अगला कदम क्या उठाया जाए? इसपर हेल्प लाइन नंबर भी जारी किया गया है।

ज्यादातर फ्रॉड खुद को इस डिपार्टमेंट के बताते हैं अधिकारी

डिजिटल अरेस्ट एक साइबर स्कैम है। इस स्कैम में फोन करने वाले कभी पुलिस, CBI, नारकोटिक्स, RBI, कस्टम अधिकारी या दिल्ली, मुंबई पुलिस अधिकारी बनकर कॉल करते हैं। फिर पूरे कॉन्फिडेंस के साथ आप से बात करते हैं। पूछताछ के लिए व्हॉटसप या फिर स्काईप कॉल पर कनेक्ट करते हैं। वे आप के सामने इस तरह से खुद को प्रजेंट करते हैं, जिससे आप को यकीन हो जाएगा कि कॉल करने वाला व्यक्ति वाकई कोई बड़ा अधिकारी है। इमोशनली और मेंटली टॉर्चर करते हैं।

अब जानिए साइबर ठग कैसे फंसाते हैं?

  1. साइबर ठग अननोन नंबर से व्हॉटसप पर वीडियो कॉल करते हैं।
  2. आपके पार्सल में ड्रग्स मिलने और आपत्तिजनक सामान मिलने की बात कहते हैं।
  3. अगर आप मना करेंगे तो वे आपके फोन नंबर और आधार यूज होने की बात कहेंगे।
  4. आपको किसी केस में फंसने या परिजन को किसी मामले में पकड़े जाने की जानकारी दी जाती है।
  5. पूछताछ के नाम पर विडियो कॉल में जुड़ने के लिए कहेंगे और धमकी देकर विडियो कॉल पर लगातार बने रहने के लिए मजबूर करेंगे।
  6. साइबर स्कैमर मनी लॉड्रिंग, ड्रग्स सप्लाई या अन्य अवैध गतिविधियों का आरोप लगाते हैं।
  7. पीड़ित को, परिवार या किसी को भी इस बारे में कुछ न बताने की धमकी दी जाती है।
  8. विडियो कॉल करने वाला व्यक्ति का बैकग्राउंड पुलिस स्टेशन जैसा नजर आता है।
  9. पीड़ित को लगता है कि पुलिस उससे ऑनलाइन पूछताछ कर रही है या मदद कर रही है।
  10. केस को बंद करने और गिरफ्तारी से बचने के लिए जमानत के तौर पर मोटी रकम की मांग की जाती है।

यदि आप को भी कोई फंसाने की कोशिश करें तो क्या करें?

  1. तत्काल अपने बैंक को सूचित करें और एकाउंट को फ्रिज कराएं।
  2. साइबर क्राइम की शिकायत नेशनल साइबर क्राइम रिर्पोटिंग पोर्टल cybercrime.gov.in पर जाकर या 1930 पर कॉल कर शिकायत दर्ज करें।
  3. सभी आवश्यक दस्तावेजों और सबूत जैसे कॉल डिटेल्स, ट्रांजेक्शन मैसेज को संभाल कर रखें।
  4. जरूरत पड़ने पर अपने पास के थाना या साइबर थाना से संपर्क करें।

ये है बचाव का तरीका

  1. ऐसे कॉल से सावधान रहें जो खुद को सरकारी अधिकारी बताकर पैसे की मांग करते हैं। वास्ताविक सरकारी अधिकारी कभी भी फोन पर सीधे पैसे की मांग नहीं करते।
  2. साइबर ठग अक्सर ऐसे हालत पैदा करते हैं कि पीड़ित को डर का सामना करना पड़े, यदि आपको किसी कॉल में डराया जाता है तो घबराएं नहीं, पहले स्थिति को समझें।
  3. यदि किसी कॉल पर संदेह हो तो संबंधित एजेंसी से संपर्क कर उसकी पहचान की पुष्टि करें।
  4. संवेदनशील जानकारी साझा न करें फोन या विडियो कॉल पर किसी से अपनी व्यक्तिगत या वित्तीय जानकारी साझा न करें। विशेष कर अज्ञात नंबरों का।
  5. किसी अंजान लिंक पर क्लिक न करें।
  6. यदि कोई आपको APK फाइल भेजता है तो उसे इंस्टाल न करें।
  7. सभी अकाउंट के लिये टू-वे वेरीफिकेशन फीचर ऑन रखें।



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