रायपुर नगर निगम मेयर इन काउंसिल के सदस्यों ने बुधवार को रायपुर कलेक्टर गौरव सिंह से प्रधानमंत्री आवास , पट्टा वितरण और अमलीडीह की शासकीय जमीन को प्राइवेट बिल्डर को दिए जाने के मुद्दों को लेकर मुलाकात की।
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इस दौरान रायपुर मेयर एजाज ढेबर, सभापति प्रमोद दुबे समेत MIC सदस्य मौजूद रहे। कलेक्टर को जानकारी दी गई है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जो लोग वैलिड नही है उनके भी फार्म भरवाए जा रहे है। सभी ने मांग की है कि जो लोग वैलिड है उन्हें ही फार्म भरवाया जाए नहीं तो आने वाले दिनों में लोगों को समस्या का समाना करना पड़ेगा।
रायपुर कलेक्टर से मुलाकात कर चर्चा करते MIC के सदस्य।
चुपके-चुपके भरवाया जा रहा फार्म
मेयर ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 तहत तालाब किनारे जमीन है ,नहर किनारे जमीन बिना कागजात और बिना पट्टे के लोगों को फॉर्म भरवाया जा रहा है। जिस तरह महतारी वंदन योजना का फॉर्म भरवाया गया था, उसी तरह से एक अभियान के तहत किया जा रहा है। चुनाव के बाद लोगों को मकान नहीं दिया जाएगा तो सभी के लिए बड़ी समस्या होगी।
पट्टे का वितरण शुरू किया जाए
मेयर ने कहा कि पिछली सरकार ने लोगों को पट्टा वितरित किया था । अब उसे रोक दिया गया है । जैसे ही सरकार बदली है पट्टे नहीं बांटे जा रहे है। हमारी सरकार में जो पट्टे बांटे जा रहे थे उसमें तत्कालीन सीएम की फोटो थी। अगल फोटो से एलर्जी है तो फोटो को बदल दिया जाए और वर्तमान मुख्यमंत्री की तस्वीर उसमें लगा दी जाए लेकिन पट्टे के वितरण फर से शुरु किया जाए।
उत्कल समाज के लोगों का नही बन रहा जाति प्रमाण पत्र
एम.आई.सी सदस्यों ने कलेक्टर से शिकायत की है कि उत्कल समाज के लोगों के जाति प्रमाण पत्र बनने में दिक्कत आ रही है । पूर्व में नगर निगम में सामान्य सभा और मेयर इन काउंसिल की बैठक प्रस्ताव पास करके जिला प्रशासन को भेजा गया है। लेकिन उत्कल समाज के लोगों को एक भी कास्ट सर्टिफिकेट नहीं बन रहा है । इस संबंध में MIC ने जाति प्रमाण पत्र बनाने में हो रही समस्या को दूर करने की मांग की है
मेयर ने की राजस्व मंत्री से इस्तीफे की मांग
रायपुर में अमलीडीह इलाके की सरकारी जमीन एक प्राइवेट बिल्डर को दिए जाने के मामला में भी MIC सदस्यों ने भी चर्चा की है। कलेक्टर ने बताया कि इस मामले में संभाग स्तर की जांच चल रही है। मेयर ने इस मामले पर राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा से इस्तीफे की मांग की है।
मेयर ने कहा कि 9 एकड़ सरकारी जमीन जो कॉलेज के लिए संरक्षित थी,उसे एक बिल्डर को अलॉट कर दिया गया है। इतनी बड़ी जमीन का आबंटन मंत्री की अध्यक्षता में बनी कमेटी की अनुमति के बाद ही होता है। जमीन अलॉटमेंट को लेकर हमने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी है इससे साफ पता चल जाएगा की किसके हस्ताक्षर के बाद जमीन का आबंटन हुआ है। हमारा आरोप है कि इस मामले में बहुत बड़ा भ्रष्टाचार हुआ है। कांग्रेस का पार्षद दल और वहां के निवासियों के साथ हम राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा से इस्तीफा की मांग करते हैं।