Wednesday, December 25, 2024
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आष्टा कारोबारी आत्महत्या मामला: अब राहुल पर गुल्लक का कर्ज; कारोबारी की बेटी बोली- सर मां-पापा दोनों चले गए, आप आएंगे…? – Ashta News



ईडी कार्रवाई के 8 दिन बाद आष्टा के कारोबारी मनोज परमार और पत्नी नेहा की खुदकुशी का मामला पूरे देश में गर्मा गया है। शनिवार को मनोज के पैतृक गांव हरसपुर में नेताओं का आना-जाना लगा रहा। इस दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी भी पहुंचे।

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उन्होंने मनोज के तीनों बच्चों की राहुल गांधी से फोन पर बात करवाई। मनोज की 18 वर्षीय बेटी ने राहुल से फोन पर कहा- ‘सर मां-बाप का साया उठ गया, पर आपसे उम्मीद है कि आप आएंगे एक बार, आप आएंगे ना…?’ इस पर राहुल ने जल्द आने का आश्वासन दिया। राहुल ने तीनों से करीब 6 मिनट बात की। देर शाम विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार, अरुण यादव, कमलेश्वर पटेल, हेमंत कटारे, आरिफ मसूद भी हरसपुर पहुंचे।

बता दें कि 5 दिसंबर को ईडी ने मनोज के इंदौर व आष्टा स्थित ठिकानों पर छापा मारा था। फर्जी दस्तावेजों से 6 करोड़ के लोन मामले में सीबीआई जांच चल रही थी। तनाव में आकर मनोज व पत्नी ने शुक्रवार को खुदकुशी कर ली। मनोज ने सुसाइड नोट में लिखा था कि ईडी ने उनसे कहा था कि जिंदा रहना चाहते हैं तो बच्चों को भाजपा जॉइन करा लें।

राहुल ने कहा- दिल्ली आ जाओ; बच्चे बोले- डेढ़ महीने हम बाहर नहीं जाते

राहुल गांधी : कैसे हो बेटा

जतिन (16 साल) : मैं बढ़िया हूं सर, आप कैसे हैं।

राहुल : बेटा मैंने तो ये बहुत खराब चीज सुनी, क्या हुआ‌?

जतिन : सर वो बार-बार बीजेपी की तरफ से प्रेशर आ रहा था कि बच्चों को बीजेपी ज्वाइन कराओ तो पापा ने सुसाइड करना उचित समझा

राहुल : …और मम्मी ने भी।

जतिन : जी सर पापा-मम्मी दोनों ने उचित समझा।

राहुल : आपको कुछ नहीं पता था।

जतिन : नहीं सर, हमें कुछ पता नहीं था। बार-बार ईडी की तरफ से प्रेशर आ रहा था।

राहुल : पागल हो गए हैं बिल्कुल ये… अब बच्चे क्या कर रहे हैं आप लोग‌‌?

जतिन : सर अभी यहां क्रियाकर्म करने की तैयारी कर रहे हैं।

राहुल : बाकी भाई-बहन?

जतिन : सर, यहीं पर हैं

जीतू पटवारी : ये बिटिया है सर, इनका ये भाई था सबसे बड़ा, इनकी ये बिटिया है।

जिया (18 साल) : सर मैंने आज तक आपसे कुछ नहीं बोला, यात्रा के दौरान भी सर। मैं आपसे सिर्फ इतना मांगना चाहती हूं कि आप… सर मां-बाप का साया उठ गया, पर हमें आपसे उम्मीद है कि आप आएंगे एक बार तो… सर आप आ पाएंगे?

राहुल : बिल्कुल

जिया : सर हम… मम्मा-पापा दोनों चले गए सर, कोई भी नहीं है साथ।

राहुल : आप घबराओ मत, जीतू अभी सिच्वेशन क्या है…?

(इसके बाद जीतू पटवारी से बात हुई। इस दौरान राहुल ने जीतू से कहा कि आप इन बच्चों को यहां ले आइए या मैं वहां आऊंगा। इस पर बच्चे बोल पड़े कि सर को आना होगा, सर आप आइए… सर हमारे यहां जाते नहीं हैं। एक-डेढ़ महीने घर से कहीं।)

जीतू : मैं ये कह रहा था… देख लेंगे आपका शेड्यूल, अगर ऐसा बन सकता है टाइम निकल सकता है तो…

राहुल : नहीं, कुछ न कुछ करते हैं।

जीतू : नहीं तो फिर बच्चों को लेके मैं आऊंगा सर, जैसा भी होगा।

राहुल : नहीं… कर लेंगे, अभी जब ये सब पूरा हो जाएगा, फिर मेरे टच में रहना, हम तरीका निकाल लेंगे।

जीतू : ये छोटा बच्चा है यश (13 साल)… ये बच्चा जिसने गुल्लक दी थी, उससे बात कीजिए।

राहुल… घबराओ मत।

यशराज कुछ नहीं बोला तो जिया बोली : सर उसका भी यही कहना है कि आप आ जाइए एक बार बस।

राहुल : आ जाएंगे, घबराओ मत।

इधर, ईडी का पक्ष

फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड व आदतन अपराधी था मनोज

मनोज परमार ने पत्र में ईडी पर कई बड़े आरोप लगाए हैं। इसमें मानसिक प्रताड़ना की बात कही है। शनिवार को ईडी ने भी एक प्रेसनोट के माध्यम से आरोपों के जवाब दिए है।

आरोप : ईडी ने मेरे घर पर कागज का टुकड़ा नहीं छोड़ा। दूसरे के 10 लाख रु., ज्वैलरी व ओरिजनल दस्तावेज ले गए।

ईडी : मनोज व सहयोगियों के यहां तलाशी के दौरान गवाह के रूप में एसबीआई के दाे अफसर मौजूद थे। जांच में पता चला कि मनोज के पंजीकृत पते के रूप में इस्तेमाल एक परिसर 2006 से सुमेर परमार चला रहा था। मनोज उनके पते का उपयोग कर बैंक को फर्जी दस्तावेज जमा कर रहे थे। मनोज प्रॉपर्टी कारोबार कर रहे थे। जांच में पीओसी से जुड़ी 4 संपत्तियों की पहचान की गई।

आरोप : बिना बयान लिए, खुद से बयान लिखा लिए। मेरे हस्ताक्षर भी करवा लिए। घर से मोबाइल और पेपर ले गए।

ईडी : रीना परमार के परिसर से फर्मों की खाताबही और संपत्ति के दस्तावेज पाए गए। उन्होंने अपने बयान में यह भी कहा कि मनोज की शह पर उनके नाम पर फर्म/संस्थाएं खोली गईं।

आरोप : ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर संजीत कुमार साहू ने गाली-गलौज की। मारपीट की। भगवान शिव की मूर्ति को खंडित किया। कहा- भाजपा में होते, तो तुम पर केस नहीं होता।

ईडी : मनोज और उनकी पत्नी की आत्महत्या दुर्भाग्यपूर्ण है। जांच के दौरान यह पता चला कि मनोज आदतन अपराधी था और उसके खिलाफ कई अन्य केस मामले दर्ज हैं। हमने शांतिपूर्ण और अनुकूल तरीके से तलाशी की कार्रवाई की।



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