जानकारी देती गांव थेहकलंदर की पंचायत
फाजिल्का के गांव थेहकलंदर की नवगठित पंचायत ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर तीन दिन के लिए खुशी का समागम नहीं होगा। गांव में न तो कोई ढोल बजेगा और न ही डीजे आदि चलाया जाएगा। तीन दिन तक केवल छोटे साहिबजादों की शहादत के प्रति लोगों को जागरुक किया जाए
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आपको बता दें कि, हर साल छोटे साहिबजादों का शहीदी दिवस मनाया जाता है। इसे बाल वीर दिवस भी कहा जाता है। ऐसे में फाजिल्का के गांव थेहकलंदर की पंचायत ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया कि इस साल तीन दिन तक गांव में किसी भी तरह का खुशी समागम नहीं होगा।
ग्रामीणों से की गई डीजे, ढोल ना बजाने की अपील
सरपंच अमरजीत कौर ने बताया कि आज ग्राम पंचायत थेहकलंदर की मीटिंग गांव में बुलाई गई, जिसमें प्रस्ताव पेश किया गया कि छोटे साहिबजादों की कुर्बानी को समर्पित शहीदी पखवाडे़ को ध्यान में मुख्य रखते हुए ग्राम पंचायत द्वारा समूह गांववासियों को अपील की जाती है कि इन दिनों गांव में कोई भी डीजे या ढोल या शोर शराबा ना करें l छोटे साहिबजादों की कुर्बानी को ध्यान में रखते हुए कोशिश की जाए कि गांव में कोई भी खुशी का समारोह करने से गुरेज किया जाए l
प्रस्ताव पारित किया गया कि, 21, 22 और 23 दिसंबर को छोटे साहबजादों की शहीदी के प्रति इतिहास के बारे में जागरुक करवाया जाएगा l इसके लिए नौजवानों से अपील की गई है कि छोटे साहिबजादों के इतिहास के बारे में जानने के लिए अधिक से अधिक पहुंचे। बच्चों के माता पिता से भी अपील की गई कि वह अपने बच्चों को लेकर जागरुकता कार्यक्रम में पहुंचे।