भूख हड़ताल पर बैठे कांग्रेस कार्यकर्ता
केंद्र सरकार द्वारा बिजली विभाग के निजीकरण के फैसले के खिलाफ चंडीगढ़ कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है। सेक्टर-22 में सात दिवसीय भूख हड़ताल के निर्णय के तहत कांग्रेस कार्यकर्ता दूसरे दिन भी डटे रहे।
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प्रदेश अध्यक्ष लक्की ने कहा, “चंडीगढ़ कांग्रेस सड़क से लेकर सदन तक इस तुगलकी फरमान का विरोध करेगी। करोड़ों के फायदे में चल रहे बिजली विभाग को केंद्र की मोदी सरकार पूंजीपतियों को औने-पौने दामों में बेचने की कोशिश कर रही है। इससे शहरवासियों पर भारी बिजली बिलों का बोझ पड़ेगा, जिसे हम किसी भी कीमत पर लागू नहीं होने देंगे।”
“शहरवासियों की जेब पर पड़ेगा असर” भूख हड़ताल में शास्त्री मार्केट के दुकानदारों ने भी पहुंचकर कांग्रेस के आंदोलन को समर्थन दिया। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह निजीकरण उनके हितों पर सीधा हमला है।
कांग्रेस के इस विरोध प्रदर्शन ने शहर में बिजली विभाग के निजीकरण को लेकर चर्चा को और तेज कर दिया है। विरोधियों का कहना है कि यदि यह फैसला लागू हुआ, तो इसका सीधा असर शहरवासियों की जेब पर पड़ेगा।
प्रदेश अध्यक्ष हरमोहिंदर सिंह लक्की के नेतृत्व में आयोजित इस हड़ताल में प्रमुख रूप से राजीव मोदगिल (उपाध्यक्ष), यादविंदर मेहता (महासचिव), अजय शर्मा (महासचिव), राजदीप सिद्धू (जिला अध्यक्ष), सोनिया जैसवाल (ज्वाइंट सेक्रेटरी) और नवदीप सिंह (सचिव) शामिल हुए।