Thursday, December 26, 2024
Thursday, December 26, 2024
Homeउत्तर प्रदेशगोरखपुर में 'शब्दों की सत्ता' से शुरू हुआ लिटरेरी फेस्टिवल: पहले...

गोरखपुर में ‘शब्दों की सत्ता’ से शुरू हुआ लिटरेरी फेस्टिवल: पहले दिन साहित्य, राजनीति, अध्यात्म का तय हुआ सफर – Gorakhpur News


दीप प्रज्जवलित कर लिटरेरी फेस्टिवल का उद्घाटन करते अतिथि।

गोरखपुर में लिटरेरी फेस्टिवल के सातवें अध्याय का शनिवार को शुभारंभ हो गया। उद्घाटन सत्र के रूप में ‘शब्दों की सत्ता’ से शुरू हुआ यह सफर पहले दिन साहित्य, राजिनीति व अध्यात्म की चर्चा करते हुए आगे बढ़ता गया। बदलते दौर में मीडिया की चुनौतियों पर बात हुई

.

लिटरेरी फेस्टिवल का उद्घाटन विवेक होटल में आयोजित इस कार्यक्रम के प्रथम सत्र को संबोधित करते हुए पद़मश्री प्रो. विश्वनाथ तिवारी ने कहा कि शब्दों की सत्ता सर्वशक्तिमान है। संसार में विद्यमान हरेक पदार्थ को सत्तावान बनाने का काम शब्दों ने किया है। साहित्यकार और लेखक शब्दों को शक्तिशाली बनाकर समाज को लौटा देते हैं। शब्दों के बिना संसार की गति थम सी जाएगी। इस सत्र में वरिष्ठ साहित्यकार डा. सूर्यबाला, शिवमूर्ति व असगर वजाहत ने शब्दों की सत्ता को रेखांकित किया। उन्होंने अलग-अलग तरीके से शब्दों के महत्व को समझाया।

लिटरेरी फेस्ट में उपस्थित दर्शक।

डायरी के पन्नों से डिजिटल प्लेटफार्म तक हुई बात दूसरा सत्र साहित्य चर्चा से संबंधित था। लेखन की बदलते स्वरूप पर विशेषज्ञों ने अपनी बात रखी। किस तरह से लेखन डायरी के पन्नों से निकलकर ग्लोबल हो चला है यानी इसके डिजिटल प्लेटफार्म तक पहुंचने के सफर को रोचक ढंग से दर्शकों के सामने रखा गया। मनीषा कुलश्रेष्ठ, प्रभात रंजन व देवेंद्र आर्य ने उदाहरणों से लेखन के बदलते स्वरूप को समझाया। प्रभात ने कहा कि जब पुल लोगों को जोड़ते हैं तो इंटरनेट से हमारा साहित्य पूरी दुनिया से जुड़ सकता है। मनीषा कुलश्रेष्ठ ने कहा कि इंटरनेट पर साहित्य के प्रकाशन ने डिजिटल क्रांति को साहित्य से जोड़ा है। देवेंद्र आर्य ने कहा कि सोशल मीडिया और डिजिटल माध्यमों के चलते ही बहुत से रचनाकारों और उनकी उत्कृष्ट रचनाओं से जुड़ने का सौभाग्य मिला है।

महिला राजनीति के नए मोड़, नए मुकाम

आयोजन का तीसरा सत्र महिला राजनीति पर केंद्रित रहा। इसके नए मोड़ और नए मुकाम पर चर्चा हुई। राज्यसभा अध्यक्ष व झारखंड महिला आयोग की अध्यक्ष महुआ मांझी ने कहा कि महिलाओं को राजनीति में यह भरोसा दिलाना होगा कि वे जिताऊ उम्मीदवार हैं तभी जाकर उन्हें पार्टियां टिकट देंगीं। राह में कई चुनौतियां हैं लेकिन शुरूआत अपने घर से करनी होगी। समाज में काम करना और स्थानीय चुनावों से शुरू करना होगा। समस्तीपुर से पहली महिला सांसद शांभवी चौधरी ने अपने अनुभव बताते हुए कहा कि सांसद बनने के लिए केवल चुनाव नहीं लड़ना पड़ा बल्कि पितृसत्तात्मक व्यवस्था से, महिलाद्वेषी मानसिकता से और सामाजिक व्यवस्था से भी लड़ना पड़ा।

महिला राजनीति पर चर्चा करते अतिथि।

महिला राजनीति पर चर्चा करते अतिथि।

धर्म, सत्ता, समाज के साथ मीडिया के साख पर भी मंथन

चौथे व 5वें सत्र में धर्म, सत्ता व समाज के साथ ही मीडिया के साख पर उठने वाले सवालों पर भी चर्चा हुई। चौथे सत्र में चीफ इमाम ऑफ इंडिया व इस्लामिक धर्मगुरु डा. उमेर अहमद इलियासी ने कहा कि धर्म कर्तव्य का दूसरा नाम है। सभी मान्यताओं का सम्मान करना,सभी से मुहब्बत करना, और सभी के साथ अपनेपन की भावना रखना ही धर्म है। हमें भारतीय होने पर गर्व होना चाहिए। धर्म जोड़ता है और सियासत तोड़ती है। प्रधानमंत्री मोदीजी इस देश के लिए वरदान हैं। उनके नेतृत्व में देश ने बहुत तरक्की की है। हमें लोगों की गलतफहमियों को दूर करना होगा। स्वामी दीपांकर ने शास्त्रों का हवाला देते हुए कहा कि जो धारण करने योग्य है वही धर्म है। मीडिया के साख पर सवालों की चर्चा करते हुए सौरव वर्मा ने कहा कि जनता अगर भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़ी हो तो कौन सी मीडिया उसके साथ नहीं खड़ी रहेगी। राशिद किदई ने कहा कि साहित्य समाज का दर्पण होता है,मीडिया भी उसी चीज को रिफ्लेक्ट करता है।

लिटरेरी फेस्टिवल में प्रस्तुति देते कलाकार।

लिटरेरी फेस्टिवल में प्रस्तुति देते कलाकार।

हिंदी कविताओं की संगीतमय प्रस्तुति ने मोहा मन

लिटफेस्ट की शाम हिंदी कविताओं की संगीतमय प्रस्तुति से गुलज़ार रही। आदित्य राजन एवं समूह ने गोरखवाणी, कबीर के दोहे, दुष्यन्त कुमार की रचनाओं की संगीतमय प्रस्तुति से श्रोताओं का मन मोह लिया। संगीतकार आदित्य राजन ने गज़लों और लोकगीतों के साथ-साथ ‘जो मैं जानती’, ‘बिछड़त हैं सैंया’, ‘काहे किरिया धरावेला तू’ जैसे गीतों की प्रस्तुति दी जिसपर उन्होंने श्रोताओं की तालियां बटोरीं । प्रस्तुति में पवन कुमार ने परकशन और कार्तिकेय द्विवेदी ने गिटार के साथ संगत कर शमां बांध दिया। कार्यक्रम का संचालन अंजली श्रीवास्तव ने किया।



Source link

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular