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- Central Government Proposes Crackdown On Unregulated Lending, May Ban Loan Apps And Impose ₹1 Crore Penalty, 10 year Jail Term
नई दिल्ली13 मिनट पहले
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केंद्र सरकार बिना इजाजत लोन देने वाले ऐप्स पर रोक लगाने का प्लान बना रही है। इस प्लान को लेकर सरकार ने एक ड्राफ्ट बिल पेश किया है। इस बिल में उल्लंघन करने वाली ऑनलाइन लोन ऐप्स को बैन करने की बात कही है। इसके अलावा 1 करोड़ रुपए का जुर्माना और 10 साल की जेल का भी प्रस्ताव रखा गया है।
बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी गई है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी RBI के डिजिटल लेंडिंग पर काम करने वाले ग्रुप की नवंबर 2021 की रिपोर्ट में ये उपाय पहली बार सुझाए गए थे।
सरकार के ड्राफ्ट बिल का उद्देश्य क्या है?
केंद्र सरकार के इस ड्राफ्ट बिल का टाइटल- बैनिंग ऑफ अनरेगुलेटेड लेंडिंग एक्टिविटीज (BULA) है। इस बिल का उद्देश्य RBI या किसी अन्य रेगुलेटरी बॉडीज से परमिशन लिए बिना लोगों को लोन देने वाले व्यक्तियों और कंपनियों को बैन करना है।
सरकार के ड्राफ्ट बिल से जुड़ी खास बातें
- डिजिटल लोन देने वाले प्लेटफॉर्म्स को भी इस बिल में शामिल किया गया है। अनऑथराइज्ड प्लेटफॉर्म कानूनी रूप से लोन नहीं दे सकते।
- अनऑथराइज्ड लोन देने पर 7 से 10 साल की जेल और 2 लाख रुपए से लेकर एक करोड़ रुपए तक का जुर्माना हो सकता है।
- वहीं अगर लोन देने वाले बलपूर्वक वसूली के तरीके अपनाते हैं, तो उन्हें 3 से 10 साल तक की जेल की सजा दी जाएगी।
- कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से जुड़े या बड़ी राशि के मामलों को CBI को ट्रांसफर कर दिया जाएगा।
धोखाधड़ी वाले लोन ऐप्स चिंता का विषय
यह बिल ऐसे समय आया है, जब धोखाधड़ी वाले लोन ऐप्स अपने बलपूर्वक वसूली के तरीकों, अत्यधिक ब्याज दरों और हिडन फीस के कारण चिंता का विषय बन गए हैं।
गूगल ने प्ले स्टोर से 2,200 से ज्यादा ऐप्स हटाए
ऐसे लोन ऐप्स के दबाव के चलते कई लोग डिप्रेशन में चले जाते हैं और कुछ लोग आत्महत्या तक कर लेते हैं। इस वजह से गूगल ने सितंबर 2022 और अगस्त 2023 के बीच प्ले स्टोर से ऐसे 2,200 से ज्यादा ऐप्स हटा दिए थे।