हरियाणा के रोहतक जिले का जवान मणिपुर में नक्सलियों के हमले में शहीद हो गया। जिसका अंतिम संस्कार मंगलवार को किया जाएगा। इसकी सूचना मिलते ही परिवार और गांव में गमगीन माहौल है। शहीद जवान दो बेटियों के पिता थे और तीन भाइयों में सबसे बड़े थे। उनका पार्थिव
.
रोहतक के गांव किलोई निवासी करीब 45 वर्षीय सुनील पहलवान बीएसएफ में तैनात थे। जिन्होंने करीब 17-18 साल पहले बीएसएफ में भर्ती हुए थे। जिसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की। वहीं सुनील बचपन से ही पहलवानी करते थे। अच्छी तैयारी करके वे बीएसएफ में नौकरी पर लग गए। फिलहाल उनकी ड्यूटी मणिपुर में थी।
15 दिन पहले छुट्टी से गया था ड्यूटी पर सुनील पहलवान के दोस्त गांव किलोई निवासी धर्मबीर ने बताया कि उसका दोस्त कुछ दिन पहले छुट्टी पर आया हुआ था। वहीं करीब 15 दिन पहले ही छुट्टी खत्म करके वापस ड्यूटी पर गया था। 22 दिसंबर को उन्हें सूचना मिली कि सुनील पहलवान शहीद हो गया। सूचना के अनुसार वह सुबह के समय ड्यूटी पर था। इसी दौरान नक्सलियों ने हमला कर दिया, जिसमें और सुनील पहलवान शहीद हो गया। इसकी सूचना मिलते ही परिवार व गांव में मातम छाया हुआ है।
2 बेटियों के पिता थे सुनील धर्मबीर ने बताया कि सुनील पहलवान दो बेटियों के पिता थे। वे जब भी गांव आते थे तो उससे (धर्मबीर से) मिलते थे। हमेशा खुशमिजाज रहते थे। वहीं पहलवानी भी करते थे। अब सुनील पहलवान का पार्थिव शरीर मंगलवार को गांव में पहुंचेगा। इसके बाद राजकीय सम्मान के साथ सुनील के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया जाएगा।