अंबेडकर चौक पर प्रदर्शन करते हुए कांग्रेसी।
सहारनपुर में कांग्रेसियों ने डॉ.भीमराव अंबेडकर स्मारक पर पुष्प अर्पित कर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ नारेबाजी की। जिलाध्यक्ष संदीप राणा ने कहा-“जारी रहेगा यह संघर्ष, अमित शाह के इस्तीफे तक”, “तख्त बदल दो ताज बदल दो, अंबेडकर विरोधियों का राज
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भारतीय वाल्मीकि धर्म समाज (भावाधस) के जिला अध्यक्ष गौरव चौहान ने अपने साथियों के साथ धरनास्थल पहुंचकर बाबा साहब को अपमानित करने वाले गृहमंत्री के बयान की निंदा की। कांग्रेस का समर्थन किया। कांग्रेसियों को “बाबा साहब अंबेडकर सम्मान मार्च” निकालते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपना था। पुलिस बल प्रयोग कर जबरदस्ती रोका गया तो जिलाध्यक्ष संदीप सिंह राणा व महानगर अध्यक्ष वरुण शर्मा ने कहा-बाबा साहब के सम्मान में इस शांतिपूर्ण मार्च को ना रोका जाए।
पुलिस अधिकारी जब इस पर नहीं माने तो दोनों अध्यक्षों की उनसे काफी बहस हुई, जिसके बाद थाना जनकपुरी के पुलिस अधिकारी ने वहीं राष्ट्रपति को प्रेषित ज्ञापन सौंपा। कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने इसे शासन व पुलिस प्रशासन की दादागिरी बताया और कहा कि संविधान निर्माता डॉ.अंबेडकर के सम्मान में पैदल मार्च निकाले जाने से रोकना भाजपा सरकार की हिटलरशाही का एक जीवंत उदाहरण है।
जिला अध्यक्ष संदीप सिंह राणा एवं महानगर अध्यक्ष वरुण शर्मा ने कहा-भाजपा हमेशा से ही संविधान और बाबा साहेब की खिलाफत करती आई है, यहीं कारण है कि भाजपा के मूल संगठन आरएसएस ने 50 वर्षों तक अपने कार्यालय पर राष्ट्रीय ध्वज नहीं फहराया। भाजपा के सांसदों ने कई बार संविधान को बदलने की वकालत भी की।
संदीप सिंह राणा ने कहा-बाबा साहब के अपमान पर प्रधानमंत्री और भाजपा के बड़े नेताओं की चुप्पी भाजपा की दलित विरोधी नीति का एक साक्षात प्रमाण है। उन्होंने कहा-कांग्रेस बाबा साहब का अपमान कभी बर्दाश्त नहीं करेगी और हम केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को अविलंब केंद्रीय मंत्रिमंडल से बर्खास्त किए जाने की मांग करते हैं। महानगर अध्यक्ष वरुण शर्मा ने कहा कि हमारा यह संघर्ष अमित शाह की बर्खास्त की तक जारी रहेगा ।
पूर्व प्रदेश सचिव अशोक सैनी व जिला प्रवक्ता गणेश दत्त शर्मा ने बाबा साहब के अपमान को भाजपा की छोटी सोच एवं दलित विरोधी नीति बताते हुए अमित शाह के बयान की निंदा की। जिला उपाध्यक्ष मनीष त्यागी ने इसे जहां संविधान के विरुद्ध बताया, वहीं पीसीसी सदस्य नरेंद्र शर्मा ने इसे देश के नागरिकों को धर्म जाति और समाज के नाम पर बांटने की भाजपाई साजिश करार दिया।