पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है।
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ये आरोप मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को भोपाल में लगाया है। उन्होंने आरटीओ के पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा के यहां हुई छापेमारी में मिले कैश, गोल्ड और अन्य संपत्तियों को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा है। जिसमें उन्होंने इस केस से लोकायुक्त को हटाए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा- केस की जांच ईडी और आयकर विभाग को सौंपी जानी चाहिए।
दिग्विजय सिंह के आरोपों पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हमारी सरकार ने हमेशा भ्रष्टाचार के खिलाफ नीतिगत लड़ाई लड़ी है। चेक बैरियर भी हमने बंद किए थे। हम हर स्तर पर भ्रष्टाचार के खिलाफ हैं।
पत्र में लिखा- इतना बड़ा भ्रष्टाचारी देखने को नहीं मिला दिग्विजय सिंह ने कहा कि पता लगाना चाहिए कि पैसा किसका है, कहां से आया और कहां गया। पूरी जांच मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की निगरानी में होनी चाहिए। मध्य प्रदेश के इतिहास में इतना बड़ा भ्रष्टाचारी कभी देखने को नहीं मिला। जहां जंगल में खड़ी कार से 52 किलो सोना, 200 किलो चांदी की सिल्लियां मिलीं।
आयकर विभाग ने भोपाल में एक कार से 52 किलो सोना और 11 करोड़ कैश बरामद किया था।
दिग्विजय बोले- सौरभ शर्मा नाकों पर वसूली करता था दिग्विजय ने सौरभ शर्मा को कटर बताते हुए कहा कि वह टोल नाकों पर वसूली करता था। उसके साथ संजय श्रीवास्तव, वीरेश तुमरात और दशरथ सिंह पटेल नाकों की नीलामी करके वसूली करते थे। वसूली का पैसा कहां जाता था, इसकी जांच अगर इनकम टैक्स अथॉरिटी करे तो मनी ट्रेल का पता चल जाएगा। मनी ट्रेल का पता लगते ही प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) में गिरफ्तारी होनी चाहिए।
क्या इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट इस पर संज्ञान नहीं लेगा? दिग्विजय सिंह ने आष्टा में सुसाइड करने वाले कारोबारी मनोज परमार का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि एक छोटे से कारोबारी मनोज परमार के यहां तो ईडी पहुंच गई। उसके पास तो कुछ था ही नहीं। यहां करोड़ों का कैश, सोना-चांदी, संपत्ति मिल रही है। क्या एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट इस पर संज्ञान नहीं लेगा?
दिग्विजय ने पूछा- पूरे 20 साल भ्रष्टाचार का आलम रहा
- दिग्विजय सिंह बोले कि प्रधानमंत्री जी ने कहा था कि ना खाऊंगा ना खाने दूंगा। उन्होंने पूछा आपके कार्यकाल में किसी नेता या अधिकारी को भ्रष्टाचार में कोई सजा दिलवाई हो तो बता दीजिए।
- पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से पूछा कि 20 साल के शासन में भ्रष्टाचार के प्रकरण में कार्रवाई की हो या किसी को सजा दी हो तो बताइए।
- खूब खाओ, खूब खिलाओ और पकड़े जाओ तो हम बैठे हैं। इसी कारण पूरे 20 साल भ्रष्टाचार का आलम रहा।
- फूड सिविल सप्लाई विभाग में हर महीने कहां-कहां से राशि आ रही है, इस पर भी मेरी रिसर्च जारी है।
- वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन आलोट में भाजपा के 2 लोगों ने वेयरहाउस से 1200 बोरी माल निकाल लिया। वेयर हाउस में जो गेट लगता है उसकी पट्टी को काट देते थे। इससे ताला तो लगा रहता है लेकिन गेट खुल जाता है। पट्टी काटकर कॉर्पोरेशन से अच्छा माल निकाल दिया जाता था और मिट्टी भरा माल डाल दिया जाता था।
- वेयरहाउस मैनेजर शर्मा ने शिकायत की, लेकिन अधिकारियों ने संज्ञान नहीं लिया तो उसने आत्महत्या कर ली। उसने सुसाइड नोट में मनोज काला और राजेश परमार का नाम लिखा है। इन दोनों के वेयरहाउस से 1200 बोरी निकाल ली गई थी।
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आयकर विभाग के हाथ लगी पूर्व कॉन्स्टेबल की डायरी
आयकर विभाग को सौरभ शर्मा से संबंधित जांच में जो रिकॉर्ड मिले हैं, उसमें प्रदेश के 52 जिलों के RTO के नाम और नंबर भी मिले हैं।
भोपाल में मेंडोरी के जंगल से गुरुवार रात 52 किलो सोना और 11 करोड़ कैश के साथ इनोवा कार जब्त की गई थी। आयकर अधिकारियों के हाथ एक डायरी और कुछ ऐसे दस्तावेज लगे हैं, जिनमें खुलासा हुआ है कि RTO के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा ने परिवहन विभाग के अफसरों के साथ सालभर में 100 करोड़ रुपए से ज्यादा का लेन-देन किया है। पूरी खबर पढ़ें…