मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बैठक में एक महिला जनप्रतिनिधि को अधिकारी की ओर से रोकने का मामला सामने आया है। मोतिहारी के जिला परिषद अध्यक्ष ममता राय ने ये आरोप लगाया है।दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रगति यात्रा के दूसरे दिन मोतिहारी पहुंचे थे। इस दौर
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मुख्यमंत्री बैठक में पहले ही पहुंच गए, मुख्यमंत्री के आने के बाद बैठक शुरू हो गई। बैठक में जब शामिल होने के लिए 1:25 बजे जिला परिषद अध्यक्ष ममता राय पहुंची, उससे पहले बैठक शुरू हो गया था। जिसके वजह से सुक्षा में तैनात अधिकारियों ने बैठक में जाने से रोक दिया, जब उन्होंने कारण पूछा कि आखिर मुझे क्यों रोका जा रहा है, मुझे तो आमंत्रण पत्र भेजा गया था, उसमें बैठक का समय 2 बजे दिया गया था।
नाराज होकर जिला परिषद अध्यक्ष लौटी वापस
मौजूद अधिकारियों ने कहा गया कि मुख्यमंत्री ने पहले ही आकर बैठक शुरू कर दी हैं। इस वजह से आपको नहीं जाने दिया जाएगा। इस बात से नाराज होकर जिला परिषद अध्यक्ष ममता राय वहां से वापस हो गई, और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर सवाल उठाते हुए कहा कि महिलाओं के सम्मान की बात करने वाले मुख्यमंत्री महिला जन प्रतिनिधि का सम्मान तक नहीं करते हैं।
जिला प्रशासन पर भी उन्होंने सवाल उठाया है, कि मुझे सुबह 8 बजे लेटर प्राप्त हुआ कि दो बजे बैठक में शामिल होना है, दूसरा अगर समय में परिवर्तन किया गया तो इसकी सूचना मुझे देनी चाहिए थी, लेकिन ये भी उन लोगों की तरफ से नहीं दिया गया।
तीसरी गलती की जो आमंत्रण लेटर आया था, उसमें हम से ऊपर नगर निगम की मेयर प्रीति कुमारी का नाम था, यह दर्शाता है कि जिला प्रशासन ने जान बूझकर मेरे साथ यह व्यवहार किया है, इसको लेकर हमने डीएम के नाम से पत्र भी लिखते हुए उन्हें बताया है कि किस तरह से महिला जनप्रतिनिधियों के प्रोटोकॉल के साथ खिलवाड़ हो रहा है।