प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते सीएम डॉ मोहन यादव…
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के डॉ. भीमराव अंबेडकर पर दिए बयान पर मंगलवार को कांग्रेस ने प्रदेश में अंबेडकर सम्मान यात्राएं निकालीं। शाम को भोपाल में प्रदेश भाजपा कार्यालय में सीएम डॉ. मोहन यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
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दैनिक भास्कर ने पूछा कि अमित शाह के अंबेडकर पर बयान का जो वीडियो कांग्रेस चला रही है उस पर आप क्या कहेंगे। कांग्रेस वोट की खातिर अंबेडकर की बात कर रही है। सीएम ने कहा-
कांग्रेस क्या-क्या कैसे-कैसे वीडियो में काट-छांट करती है कांग्रेस से अच्छा कोई जादूगर नहीं हैं। कांग्रेस को क्या बोलें
कांग्रेस दोमुंहा रोल अदा करती है
सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा- अतीतकाल से भारत रत्न भीमराव अंबेडकर के प्रति कांग्रेस के दुर्भाव के विषय में बताना जरूरी है। बाबासाहेब हमेशा वंचित, शोषित पीड़ित वर्ग की बात करते थे। वो जिस विषय को लेकर बात करते थे उस बात का प्रथम प्रधानमंत्री पंडित नेहरू ने विरोध किया और उनके साथ गलत व्यवहार भी किया। अतीत के घटनाक्रमों को देखें तो कांग्रेस हमेशा दोमुंहा रोल अदा करती है। आज वोट की खातिर कांग्रेस अंबेडकर जी की बात कर रही है। लेकिन, कांग्रेस ने अंबेडकर जी के प्रति क्या-क्या किया वो मैं बताता हूं।
अंबेडकर जी ने खुद बताया कांग्रेस ने कैसा बर्ताव किया
सीएम ने कहा- स्वयं अंबेडकर जी ने इस बात को कोट किया है कि मैं मूल रूप से वित्त और उद्योग का जानकार था लेकिन उनको ना तो उद्योग का काम दिया, ना ही वित्त का काम दिया। इससे आगे बढ़कर अंबेडकर जी को किसी भी संसदीय कमेटी का सदस्य नहीं बनाया गया। उन्हें कानून मंत्रालय तो दिया लेकिन उसमें ईमानदारी से काम नहीं करने दिया। हिन्दू कोड बिल पर जब भी उन्होंने बात करने की बात कही तो उनके शब्दों में जो उन्होंने लिखकर दिया है कि उसके केवल मुस्लिम बंधुओं की बात करते थे।
एसटी, एससी जिनके हक अधिकार पर वे बात करना चाहते थे। कांग्रेस ने उनको तवज्जो नहीं दी। ये उन्होंने अपनी पुस्तक में कोट किया कि केवल एक ही वर्ग को संतुष्ट करने से बात नहीं बनेगी। धारा 370, पाकिस्तान का बनना, इन सब बातों को बाबा साहब ने पसंद नहीं किया। हम सब जानते हैं कि ये किसकी इच्छा से हुआ।
कांग्रेस के पीएम ने बाबा साहब को चुनाव हरवाया सीएम ने कहा- जब बाबा साहब 1952 में चुनाव लड़े। उस 1952 के चुनाव में भी कांग्रेस के तत्कालीन प्रधानमंत्री ने खुलकर विरोध कर बाबा साहब को चुनाव हरवाने का प्रयास किया। बाद में जिन काजोलकर जी उनके साथ चुनाव लड़ा था, उनको पद्मविभूषण भी दिया गया। वे एक बार ही चुनाव जीते थे। उनका कोई उल्लेखनीय योगदान नहीं है लेकिन ये गौर करने वाली बात है कि बाबा साहब के समाज को दिए गए योगदान को अवॉइड किया गया।
यहां तक कि जब उनका इस्तीफा मंजूर किया जा रहा था तब ये कहा गया था कि उनके इस्तीफे से कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है। डॉक्टर अंबेडकर ने इसका जिक्र बीसी राय को लिख पत्र किया था।
नेहरु गांधी परिवार ने बाबा साहब को सम्मान से वंचित रखा
सीएम ने कहा- हम सब जानते हैं कि अंबेडकर के समय में भी और उनके बाद में भी कांग्रेस ने उनको भारत रत्न नहीं दिया। बल्कि नेहरू जी ने खुद के जीवित रहते हुए स्वयं को भारत रत्न दिलवाया। बाद में इंदिरा गांधी आई उन्होंने उनको भी भारत रत्न मिला। उनके बेटे राजीव गांधी को भी भारत रत्न मिला।
सरदार वल्लभ भाई पटेल और अब्दुल कलाम आजाद इनकी भी नेहरू जी से कम बनती थी अगर कांग्रेस की सरकार होती है उनके परिवार का कोई होता तो उनको भारत रत्न उसे समय भी नहीं दिया जाता वो तो 1991 की बात अगर याद करें तो नरसिंहाराव जी की सरकार नहीं होती तो सरदार पटेल को भारत रत्न नहीं मिल पाता। कांग्रेस ने सरदार पटेल को 40 सालों तक भारत रत्न नहीं दिया।
अटल जी ने प्रणव मुखर्जी को भारत रत्न दिया
सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा- अटल जी ने न केवल बाबा साहब को भारत रत्न दिया। यूपीए की तुलना में एनडीए की सरकार ने संयुक्त दलों को सहमत करते हुए ऐतिहासिक काम करने वालों को भारत रत्न दिया। हमारे प्रधानमंत्री मोदी ने नेता जी सुभाष चंद्र बोस को भारत रत्न दिया। मोदी जी ने उदारता पूर्वक प्रणव मुखर्जी को भारत रत्न दिया।
हमारे मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा ने महू में बाबा साहब की जन्मस्थली पर स्मारक बनाया। बाद में पीएम मोदी ने पंचतीर्थ बनाए। वे अंबेडकर जी की बात कर रहे हैं। देश भर में अंबेडकर जी की जयंती और पुण्यतिथि मनाई जाती है। बाबासाहब की जयंती या पुण्यतिथि पर कांग्रेस के अध्यक्ष नहीं आए। जब भी सरकारें रहीं तो इनके परिवारों के नाम पर स्मारक और भवन बनाए गए।
लेकिन कोई एक भी योजना, स्मारक से अंबेडकर जी को सम्मान देने का काम नहीं किया। बाबा साहब को सम्मान नहीं दिया। चुनावी समीकरण के आधार पर इसी प्रकार के शिगूफे चलाकर अपने ढंग से वोट बैंक तलाशने का प्रयास कर रही है। कांग्रेस देश की जनता को बेवकूफ नहीं बना सकती। कांग्रेस को अपने अतीत के इस पूरे घटनाक्रम पर माफी मांगना चाहिए।
राहुल गांधी अहंकार में डूबे
सीएम ने कहा- प्रधानमंत्री के बाद सबसे बड़ा सम्माननीय पद नेता प्रतिपक्ष का है। अटल जी ने उस पद की गरिमा हिमालय की चोटी की तरह बढ़ाई है। उन्होंने कहा-
5 प्रधानमंत्रियों के सामने वो विपक्ष के नाते से बैठे और पद को गौरवान्वित किया। अभी हम देखते हैं कि मुखौटे लगाकर सेल्फी खिचाना। या सांसदों को धक्के दे देना। जो घायल हो गए, अगर उन्होंने रिपोर्ट कर दी तो आप अस्पताल मिलने चले जाओ, हालचाल पूछ लो। आप अहंकार में डूबे हो कि हमने जो कर दिया वही सही, तो क्या दुश्मनी कर रहे हो। लोकतंत्र में जनता इन सब बातों का जवाब मांगती है कांग्रेस पुरानी पार्टी है। ये शोभा नहीं देता।
पीएम और शाह ने कहा लंदन में बाबा साहब के शिक्षा स्थल जाना
सीएम ने कहा- जब मैं इन्वेस्टर्स मीट के लिए लंदन जा रहा था तो उसके पहले पीएम और गृह मंत्री जी से मिलने गया था। अमित शाह जी ने कहा था लंदन में जहां वो पढ़ने गए उस स्थान को जरूर देखना। जब मैं वहां गया तो स्थानीय लोगों ने बताया कि स्थानीय लोग उस स्थान को स्मारक नहीं बनने देना चाहते थे।
हमारी सरकार को आठ-दस साल मुकदमा लड़ना पड़ा। इंग्लैंड के लोगों को लगता था कि इससे हमारी निजता प्रभावित होगी। कई लोग आएंगे जाएंगे। लेकिन अमित शाह जी और प्रधानमंत्री जी की डॉ अंबेडकर जी के प्रति ये श्रद्धा है कि उन्होंने कहा कि जहां अंबेडकर जी ने दो साल पढ़ाई की उस स्थान को हम तीर्थ स्थान की तरह ही लेंगे।
कांग्रेस की माफी की मांग पर सीएम ने कहा- माफी किसको मांगना चाहिए। बाबा साहब ने कितने कष्ट उठाए और आप उन्हें चुनाव नहीं जीतने दे रहे। उपचुनाव लड़े तो हराने में लगे रहे। आपके परिवार में ही भारत रत्न दे रहे हो, बाबा साहब को भारत रत्न नहीं दे रहे। उसके बाद भी कह रहे हो कि हम माफी मांगे। हमारी अंबेडकर जी के प्रति श्रद्धा तो जगजाहिर है। हमने तो दलों की सीमा से ऊपर उठकर जिन्होंने अच्छा काम किया उन सबका सम्मान किया।