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Neha-Ayudh reached Gwalior on Atal ji’s 100th birthday | अटल जी के 100वें जन्मदिन पर ग्वालियर पहुंचे नेहा-आयुध: सीरियल ‘अटल’ के एक्टर्स ने शेयर किए अनुभव और किरदारों से जुड़ी दिलचस्प बातें


13 मिनट पहलेलेखक: किरण जैन

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ग्वालियर, जिसे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का शहर कहा जाता है, उनके 100वें जन्मदिन के अवसर पर टीवी सीरियल ‘अटल’ के लीड एक्टर्स नेहा जोशी और आयुध भानुशाली यहां पहुंचे।

नेहा शो में अटल जी की मां कृष्णा देवी का किरदार निभा रही हैं, जबकि आयुध युवा अटल की भूमिका में नजर आ रहे हैं। दोनों एक्टर्स ने ग्वालियर की ऐतिहासिक जगहों का दौरा किया और अपने अनुभव शेयर करते हुए अपने किरदारों के बारे में दिलचस्प बातें बताईं।

यहां खड़े होकर महसूस हुआ कि अटल जी का परिवार कितना खास था: नेहा जोशी

नेहा जोशी ने अटल जी के घर पर खड़े होकर अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने भावुक होकर कहा, ‘यहां आकर एक अलग सा सुकून और अपनापन महसूस हुआ। यह वह जगह है, जहां अटल जी ने अपने परिवार के साथ बचपन बिताया। भले ही यह जगह अब बदल चुकी है, लेकिन यहां का हर कोना उनके और उनके परिवार की कहानी कहता है।’

उन्होंने आगे कहा, ‘जब मैं उनके पिता कृष्ण बिहारी वाजपेयी और मां कृष्णा देवी के बारे में पढ़ती हूं, तो महसूस होता है कि यह परिवार कितना सशक्त और शिक्षित था। उनकी मां ने अपने बच्चों को सही और गलत के बीच फर्क करना सिखाया और हमेशा उन्हें खुद पर भरोसा करना सिखाया। इस किरदार को निभाते हुए मुझे यह एहसास हुआ कि चाहे परिस्थिति कितनी भी कठिन क्यों न हो, एक मां का आत्मविश्वास ही बच्चों को मजबूत बनाता है।’

अपने किरदार से मिली सीख के बारे में नेहा ने कहा, ‘अटल जी की मां पढ़ी-लिखी महिला थीं, जो उस समय के लिए बहुत बड़ी बात थी। उन्होंने अपने बच्चों को मूल्यों और आदर्शों की शिक्षा दी, और यह सिखाया कि मुश्किल हालात में भी हार नहीं माननी चाहिए। मैंने इस किरदार से यही सीखा है कि एक सशक्त मां का किरदार निभाना कितनी बड़ी जिम्मेदारी है।’

अटल जी का किरदार निभाना मेरे लिए सौभाग्य है: चाइल्ड आर्टिस्ट आयुध भानुशाली

आयुध भानुशाली ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा, ‘ग्वालियर आकर और अटल जी के घर को देखकर ऐसा लग रहा है कि मैंने उनका एक हिस्सा छू लिया हो। हमारा सेट और यह असली जगह थोड़ी मिलती-जुलती हैं, लेकिन यहां की फीलिंग कुछ और ही है।’

उन्होंने अपने किरदार से जुड़ी सीख साझा करते हुए कहा, ‘अटल जी का सबसे बड़ा गुण था सबके साथ समान व्यवहार करना। उन्होंने कभी अपने दुश्मनों को भी दुश्मन नहीं माना। यह सीख मुझे बहुत प्रेरित करती है। मैं बहुत लकी हूं कि मुझे अटल जी जैसे महान लोगों का किरदार निभाने का मौका मिला। मैं चाहता हूं कि आगे भी ऐसे बड़े किरदार निभाने का मौका मिले।’

ग्वालियर का स्वाद और अटल जी की पसंदीदा मिठाई

ग्वालियर की यात्रा के दौरान नेहा और आयुध ने अटल जी की पसंदीदा मिठाई मोतीचूर के लड्डू का भी स्वाद लिया। नेहा ने बताया, ‘हमें यह पता चला कि अटल जी बहादुरा स्वीट्स से लड्डू मंगवाते थे। हमने भी यहां आकर यह लड्डू ट्राई किए। सच में, इसका स्वाद बहुत खास है। इसके अलावा यहां की कचौरी और समोसा चाट भी कमाल की है। यह शहर अपनी मिठास और गर्मजोशी के लिए जाना जाता है।’

अटल जी की सोच और हमारी जड़ें

नेहा ने आज की पीढ़ी के लिए अटल जी की सोच और उनके योगदान पर बात करते हुए कहा, ‘आज के समय में, जब हर कोई आगे बढ़ने की होड़ में है, अपनी जड़ों से जुड़ना बहुत जरूरी है। अटल जी जैसे व्यक्तित्व हमें यह सिखाते हैं कि अपनी परंपराओं और संस्कृति को कभी नहीं भूलना चाहिए। उनकी कहानियां हमें हमारी भारतीयता की याद दिलाती हैं। यह दौरा मेरे लिए न सिर्फ व्यक्तिगत रूप से खास रहा, बल्कि इसने मेरे किरदार को और बेहतर ढंग से समझने में मदद की। अटल जी का जीवन एक किताब की तरह है, जिससे हर पन्ने पर कुछ नया सीखने को मिलता है।’

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