उमरिया। बाघों के लिए विश्व प्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में फेस 44 की गणना हो रही है। टाइगर रिजर्व में नौ परिक्षेत्रो में ट्रैप कैमरे लगाकर गणना की जा रही है। गणना के बाद आंकड़ों को एकत्रित कर वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट देहरादून भेजा जाएगा।
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टाइगर रिजर्व में फेस फोर की गणना हर साल होती है। इससे वन प्राणियों की आंकड़े सामने आते हैं। फेस फोर की गणना में टाइगर रिजर्व के अधिकारी और कर्मचारी जुटे हुए हैं। टाइगर रिजर्व क्षेत्र में चिह्नित स्थानों में ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं ट्रैक कैमरे लगभग 25 दिन लगाए जाते हैं।
इसके बाद ट्रैप कैमरा में एकत्रित हुई फोटो को मिलान किया जाता है और नए वन प्राणियों की पहचान की जाती है। और आंकड़े भी सामने आ जाते हैं। गणना में बाघ तेंदुआ और से पक्षियों की मूवमेंट और टेरिटरी की भी जानकारी मिल जाती है।
फेस फोर की गणना के लिए दो ब्लाक बनाए गए
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में फेस 4 की गणना के लिए दो ब्लाक बनाए गए हैं। एक ब्लाक में चार परिक्षेत्र और दूसरे ब्लाक में पांच परिक्षेत्र बनाए गए हैं। दोनो ब्लाकों के लिए नोडल अधिकारी भी बनाए गए हैं। जो पूरी गणना और गणना में जुटे कर्मचारियों का सहयोग करेंगे। ट्रैप कैमरे का डाटा बीटीआर के टाइगर सेल तक पहुंचाएंगे। गणना की निगरानी भी करेंगे। 11 फरवरी तक गणना के लिए ट्रैप कैमरे लगाये जाएंगे।
12 सौ से अधिक कैमरे 640 स्थानों में लगाए गए
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघ,तेंदुआ और सह भक्षी वन्य प्राणियों की गणना के लिए टाइगर रिजर्व के नौ परिक्षेत्रो में 640 स्थानो में ट्रैप कैमरे लगाये गये है। गणना में टाइगर रिजर्व के 800 से अधिक अधिकारी-कर्मचारी जुटे हुए हैं। कैमरो की सुरक्षा के लिए भी स्टाफ जुटा रहता है।
ऐसे काम करता है, ट्रैप कैमरा ट्रैप कैमरे में सेंसर लगा होता है। कैमरों को जंगल में चिंहित स्थानों मे आमने सामने लगाया जाता है। कैमरे के सामने से निकलते ही कैमरों को मूवमेंट मिलते ही कैमरा फोटो क्लिक कर लेता हैं। पहले कैमरा ब्लेक एंड व्हाइट फोटो क्लिक करता था। लेकिन अब कलर फोटो क्लिक करता है।
गणना का उद्देश्य फेश 4 की गणना टाइगर रिजर्वो में होता है। गणना के बाद बाघ,तेंदुआ और अन्य वन्य प्राणियों के संभावित आंकड़े प्रबंधन के पास आ जाते हैं। जिससे बाघ तेंदुआ के संरक्षण को लेकर योजना बनाई जा सकती है।
इनका कहना बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के उपसंचालक पीके वर्मा ने बताया कि कैमरे को एक स्थान में 25 दिन तक लगाया जाता है। डाटा एकत्रित किया जाता है। उसके बाद जांच की जाती है। गणना और आंकड़े उसके बाद सामने आएंगे। सभी कर्मचारी लगे हुए हैं। निगरानी की जा रही है। 1200 से अधिक कैमरे लगाए गए हैं। टाइगर रिजर्व में साल भर में एक बार होती है। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में लगभग 165 से अधिक बाघ और 130 से अधिक तेंदुआ है।