ग्रामीणों ने उफनता नाला पार कर बीमार महिला को 108 तक पहुंचाया।
छ्त्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में ग्रामीणों की लाचारी और बेबसी की एक तस्वीर सामने आई है। एक गांव में बीमार ग्रामीण महिला की जिंदगी बचाने के लिए ग्रामीणों ने खुद की जिंदगी दांव पर लगाई है। महिला को खाट पर लिटाकर उफनता नाला पार किया है। ये उनकी मजबूरी थी,
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दरअसल, मामला जिले के उसूर ब्लॉक के मारुड़बाका गांव का है। इस गांव की रहने वाली महिला जोगी पोडियामी फूड प्वाइजनिंग का शिकार हो गई थी। पिछले 4 से 5 दिनों से बीमारी से जूझ रही थी। इसका गांव में ही देसी इलाज चल रहा था। जब इसकी हालत बिगड़ी तो महिला के पति कोसा कुडियाम ने अस्पताल लाने की तैयारी की। एंबुलेंस 108 से संपर्क किया गया। 108 के कर्मचारी कच्चे रास्ते से होते हुए गांव से कुछ किमी पहले तक ही पहुंच गए।
लेकिन गांव तक पहुंचने वाले रास्ते में बरसाती नाला उफान पर था। जिससे एंबुलेंस आगे नहीं बढ़ पाई। महिला के पति ने गांव के ग्रामीणों से मदद मांगी। जिसके बाद गांव के युवकों ने नाला के दोनों छोर में रस्सी बांधी। फिर महिला को खाट पर लिटाकर खाट को कांधे पर उठाकर रस्सी के सहारे उफनता नाला पार किया। जिसके बाद महिला को एंबुलेंस तक पहुंचाया गया। बताया जा रहा है कि महिला को जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। उसकी स्थिति खतरे से बाहर है।
नक्सल प्रभावित है इलाका
उसूर ब्लॉक नक्सल प्रभावित इलाका है। जिस गांव की महिला वहां भी नक्सलियों की दस्तक हमेशा रहती है। यही वजह है कि गांव तक विकास नहीं पहुंचा है। बरसाती नदी-नालों पर पुल और ब्लॉक मुख्यालय से गांव को जोड़ने के लिए पक्की सड़क तक नहीं बन पाई है। बारिश के दिनों में ग्रामीणों को ज्यादा तकलीफ होती है।