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ये कहते हुए स्पा सेंटर में काम करने वाली लड़की की आंखें डबडबा जाती हैं। दरअसल, कुछ दिन पहले ही भोपाल पुलिस ने 10 टीमें बनाकर शहर के अलग-अलग इलाकों में चल रहे स्पा सेंटर्स पर छापा मारा था। इनमें से चार स्पा सेंटर्स में अनैतिक काम करते हुए युवक-युवतियों को रंगे हाथ पकड़ा, बाद में इन्हें नोटिस देकर छोड़ दिया।
भास्कर ने स्पा सेंटर में काम करने वाली इन लड़कियों से बात की तो पता चला कि कोई घर की जरूरत तो कोई बेहतर लाइफ स्टाइल की ख्वाहिश में स्पा सेंटर में काम करने को मजबूर है। पढ़िए स्पा गर्ल्स की जिंदगी का दूसरा पहलू…
चार केस से समझिए स्पा गर्ल्स की मजबूरी
केस-1: ‘पापा की नौकरी गई, भाई-बहन को पढ़ा रही’ 23 साल की स्पा गर्ल ने बताया कि अभी 1 साल पहले ही कॉलेज की पढ़ाई खत्म की है। घर में बताया है कि कॉलेज में पढ़ते-पढ़ते ही अच्छी कंपनी में नौकरी लग गई, लेकिन स्पा में फीलिंग मसाज देने का काम करती हूं। यह सच्चाई मैं अपने घर वालों को नहीं बता सकती हूं।
मेरे घर में मेरे माता-पिता और मेरे दो छोटे भाई-बहन हैं। घर में बस पिता कमाने वाले थे। वह एक टेलीकॉम कंपनी में नौकरी करते थे। थोड़ी दिक्कतों से पर जैसे-तैसे हमारा घर चल ही जाता था। 3 साल पहले मेरे पापा की नौकरी चली गई।वह यहां-वहां कुछ छोटा-मोटा काम करने लगे, लेकिन घर का गुजारा नहीं हो रहा था।
मैं अपने घर में सबसे बड़ी थी कॉलेज के साथ ही मैं काम की तलाश कर रही थी। कुछ जगह रिसेप्शनिस्ट के काम मिले, लेकिन तनख्वाह बहुत कम थी। हमारे घर की जरूरतें पूरी नहीं हो रहीं थी। मेरी एक दोस्त ने मुझे एक स्पा से जोड़ दिया। यहां मेरी कुछ फिक्स सैलरी नहीं है, लेकिन मैं ठीक-ठाक कमा लेती हूं।
केस 2: ‘पति का जानवर सा बर्ताव, बेटी न होती तो मर जाती’ इस रेड में पकड़ी गई 30 साल की युवती भोपाल के एक स्पा सेंटर में काम करती है। उसने भास्कर को बताया कि 7 साल पहले मेरी शादी हुई थी। मेरी 3 साल की एक बेटी है। मेरा पति फलों का ठेला लगाता था और मैं भी घरों में छोटा-मोटा काम करती थी। शादी के बाद से ही मेरा पति मुझसे जानवरों की तरह बर्ताव करता था।
वह नशे का आदी था। दारू पीकर आता और मुझसे मारपीट करता था। मेरी बेटी हो गई फिर भी वह मुझसे इसी तरह का व्यवहार करता था। एक दिन परेशान होकर मैंने घर और पति दोनों को छोड़ दिया। मैं अलग रहने लगी, लेकिन घरों के काम से मेरा गुजारा नहीं हो पा रहा था।
यहां मैं घर से दूर हूं। मुझे कोई नहीं जानता। मेरी एक दोस्त ने मुझे यह काम बताया। लगभग 2 साल से मैं यही काम कर रही हूं। ठीक-ठाक कमाई हो जाती है। मैं शौक से फीलिंग मसाज नहीं करती, लेकिन मैं क्या करूं? मेरी एक बच्ची है। अगर मैं अकेली होती तो मर भी जाती, लेकिन मुझे अपनी बच्ची को पालना है।
स्पा की दीदी मुझसे अच्छा व्यवहार करती हैं। हमें किसी तरीके की कोई परेशानी नहीं होती। मैं और कोई भी काम कर लेती, लेकिन आप ही बताइए काम है कहां।
4 जनवरी को भोपाल पुलिस ने स्पा सेंटर्स पर छापा मारकर यहां काम करने वाली लड़कियों को पकड़ा था।
केस 3: ‘महंगे फोन, अच्छे कपड़े पाने का और कोई जरिया नहीं था’ 22 साल की युवती ने बताया कि मैं गरीब परिवार में पैदा हुई। पढ़ाई में ठीक-ठाक थी, तो जैसे-तैसे पढ़कर मैं कॉलेज पहुंच गई। मेरे कॉलेज में जितनी भी लड़कियां थीं सब अपने शौक पूरे करती थीं। महंगे फोन रखती थीं। अच्छे कपड़े पहनती थीं। अच्छा खाना खाती थीं, लेकिन मुझे यह सब कभी नहीं मिला।
सबको देखकर मुझे बहुत बुरा महसूस होता था। मुझे भी अच्छा फोन लेना था, अच्छे कपड़े पहनने थे, अच्छा खाना था, घर वालों को भी अच्छी-अच्छी चीजें लेकर देनी थी, लेकिन हमारे घर की स्थिति ऐसी नहीं थी। काेई जरिया नहीं था। कॉलेज में ही मेरी एक दोस्त बनी। उसके भी घर की कंडीशन ज्यादा अच्छी नहीं थी, लेकिन वह महंगे फोन रखती थी।
वह अच्छे कपड़े पहनती थी। उसके पास हमेशा पैसे रहते थे। वह एक स्पा में काम करती थी। हालांकि यह बात किसी को पता नहीं थी, लेकिन उसने मुझे बताया तो मैंने कहा कि मुझे भी काम करना है, पैसे कमाने हैं। वही 2 साल पहले मुझे अपने स्पा सेंटर ले गई। तब से ही मैं अलग-अलग स्पा सेंटर में काम कर रही हूं।
मुझे अच्छे पैसे मिलते हैं, अब मैं आसानी से अपने और अपने घर वालों की जरूरतें पूरी कर पाती हूं। मुझे भी अच्छा लगता है, अब अपने घर में कुछ सामान लेकर जाती हूं।
केस 4: ‘पति मजदूर, सास-ससुर बूढे़, कमाने वाला एक, खाने वाले 6’ स्पा में फीलिंग मसाज देने वाली 28 साल की युवती ने बताया कि मैं शादीशुदा हूं। घर में पति, दो बच्चे और सास- ससुर रहते हैं। पति दिहाड़ी मजदूर है। सास-ससुर बूढ़े हो चुके हैं। दोनों बच्चे स्कूल में पढ़ाई करते हैं। भोपाल के कई अलग-अलग स्पा सेंटर्स में काम कर चुकी हूं।
घर में कमाने वाला एक आदमी है और खाने वाले 6 मुंह हैं। एक आदमी कितने लोगों को खिला सकता है। मेरे पति जो कमाते थे, उससे बहुत ही मुश्किल से हम लोगों का गुजारा हो पता था अब बच्चों की पढ़ाई है, सास ससुर के दवाई के खर्चे हैं हमने बहुत ही कठिनाइयों में अपना गुजारा किया है।
पहले मैं भी छोटे-मोटे काम करती थी, लेकिन उससे काम नहीं चल पाया, इसीलिए मैं इस काम में आई। मैंने भोपाल के कई अलग-अलग स्पा सेंटर में काम किया है। यह जरूर है कि वहां कोई सैलरी नहीं मिलती है, लेकिन हां ठीक-ठाक कमाई हो जाती है।
क्या था स्पा सेंटर का सेटअप? एक स्पा में काम करने वाली मसाज थैरेपिस्ट ने बताया कि स्पा सेंटर के कैटलॉग में अलग-अलग मसाज के अलग-अलग दाम होते हैं। स्पा में एंट्री करते ही एक रिसेप्शन और कैश काउंटर होता है। कैश काउंटर पर एक रिसेप्शनिस्ट होता है। व्यक्ति कोई भी सर्विस लेने के लिए काउंटर पर पेमेंट करता है।
औसतन चार्ज 2000 रुपए होता है। पैसे लेने के बाद ग्राहक को एक केबिन की तरफ भेज दिया जाता है। इन केबिननुमा कमरों में किसी भी तरह का कोई लॉकिंग सिस्टम नहीं होता, स्लाइडर से उसे बस बंद कर दिया जाता है, जहां उसे एक तौलिया और एक डिस्पोजेबल अंडरगारमेंट दी जाती है।
चेंज करने के बाद मसाज करने वाली लड़की उसे मसाज में इस्तेमाल होने वाले तेल या क्रीम का ऑप्शन देती है और उसके बाद उसका मसाज करने लगती है। एक सेशन 1 घंटे का होता है जिसमें 45 मिनट मसाज और 15 मिनट का शाॅवर होता है। यहां तक की बात किसी भी स्पा की एक सामान्य प्रक्रिया है। इसमें गलत या आपत्तिजनक जैसा कुछ भी नहीं है।
स्पा सेंटर के भीतर बैड, चादर और तौलिए कस्टमर को दिए जाते हैं।
अब जानिए फीलिंग मसाज के बारे में एक स्पा में काम करने वाली मसाज थैरेपिस्ट ने बताया कि जिन स्पा सेंटर्स में सेक्शुअल सर्विस दी जाती है, वहां मसाज के दौरान लड़कियां क्लाइंट से कोड वर्ड में सेक्शुअल सर्विस के लिए पूछती हैं, जिसमें वे विद फीलिंग मसाज और विदाउट फीलिंग का ऑप्शन देती हैं। विद फीलिंग का मतलब सेक्शुअल सर्विसेज होता है। जिसके चार्ज अलग-अलग होते हैं। यही लड़कियों की मुख्य कमाई का जरिया होता है।
काउंटर पर दिए गए चार्ज से लड़कियों को सिर्फ 100 से 200 रुपए प्रति व्यक्ति ही मिलता है। लड़कियों का कहना है कि पुलिस से हमारी सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी संचालक की होती है, वही ग्राहक से भी होने वाली परेशानी से हमें दूर रखते हैं। स्पा सेंटर्स में जो केबिन बने रहते हैं, उसमें किसी भी तरह का लॉकिंग सिस्टम नहीं होता है, उसके गेट लॉक नहीं होते हैं।
जिन स्पा सेंटर्स में सेक्शुअल सर्विस दी जाती है। वहां लड़कियां 7 दिन से ज्यादा नहीं रुकतीं। वे दूसरे सेंटर से आपस में इंटरचेंज होती रहती हैं।
कस्टमर बोले- लड़कियां बदलती रहती हैं, सेफ्टी की भी गारंटी एक युवक ने हमें बताया कि जिस स्पा में सेक्स रैकेट चलते हैं, अगर आप वहां जाएंगे तो सबसे पहले वह आपको बहुत ही कंफर्टेबल फील कराएंगे। आपको ऐसा महसूस होगा की आपको वहां कोई खतरा है ही नहीं, इसीलिए ऐसे सेंटर में जाने वाले लोग भी हमेशा सेंटर के लिए लॉयल रहते हैं। हमेशा अपने तय स्पा में ही जाते हैं। लड़कियां बदलती रहती हैं और सुरक्षा का भी भरोसा होता है।
इसमें सेक्शुअल एक्टिविटी के लिए स्पा सेंटर ने लड़कियां रखी हैं। ग्राहक महिला हो तो लड़के भी रखे हैं। इन स्पा सेंटर में प्रीमियम कस्टमर होते हैं और मेंबरशिप भी होती है। प्रीमियम कस्टमर को अलग-अलग लड़कियों के ऑप्शन दिए जाते हैं।
अलग-अलग समय में अलग-अलग डिस्काउंट भी चलते रहते हैं। कुछ मेंबरशिप मॉडल भी चलते हैं। जैसे 5000 की मेंबरशिप में 8 स्पा फ्री। प्रीमियम कस्टमर के बर्थडे पर अलग-अलग डेट्स पर उन्हें स्पेशल ऑफर्स दिए जाते हैं।
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भोपाल के स्पा सेंटर्स में आपत्तिजनक हालत में लड़कियों और लड़कों को पकड़ा गया है।
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