ज्वालामुखी मंदिर, प्रतीकात्मक फोटो
हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा के प्रसिद्ध ज्वालामुखी मंदिर में चढ़ावे के रिकॉर्ड में गंभीर अनियमितता सामने आई है। एक श्रद्धालु द्वारा दान की गई तीन ग्राम सोने की नथ की एंट्री नियमों के विपरीत तीन दिन की देरी से की गई। मामले की प्राथमिक जांच के बाद मं
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28 दिसंबर को प्राप्त की नथ, 31 तक एंट्री नहीं
एसडीएम स्तर की जांच में पाया गया कि 28 दिसंबर को प्राप्त सोने की नथ की एंट्री नियमानुसार 29 दिसंबर को होनी चाहिए थी। मंदिर के नियमों के अनुसार चढ़ावे की राशि की गणना और रजिस्टर में एंट्री हर दूसरे दिन अनिवार्य है। लेकिन यह एंट्री 31 दिसंबर तक नहीं की गई और मामला सामने आने पर ही रजिस्टर में दर्ज की गई।
कांगड़ा का प्रसिद्ध ज्वालामुखी मंदिर
मंदिर अधिकारी बाेले- छुट्टी के कारण नहीं मिला सुनार
मंदिर अधिकारी का कहना है कि 29 दिसंबर को रविवार की छुट्टी के कारण सुनार उपलब्ध नहीं था, जिससे आभूषण की गुणवत्ता की जांच नहीं हो पाई। 30 दिसंबर को जांच के बाद 31 को एंट्री की गई। हालांकि, पूरी घटना मंदिर के सीसीटीवी कैमरों में रिकॉर्ड है और सभी पुजारी भी मौजूद थे।
दिन के भीतर मांगा स्पष्टीकरण
मंदिर आयुक्त ने इस गंभीर लापरवाही को लेकर मंदिर अधिकारी से तीन दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है। वहीं, मंदिर अधिकारी का कहना है कि वे अभी कार्यालय में नहीं हैं और नोटिस के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।