शहर और ग्रामीण क्षेत्र में मैदानी अमले की मिलीभगत से धड़ल्ले से अवैध कॉलोनी काटने वाले बेखौफ भू-माफिया के खिलाफ अब जिला प्रशासन और नगर निगम ने एफआईआर कराने की तैयारी कर ली है। इस क्रम में ग्रामीण क्षेत्र में 122 अवैध कॉलोनी काटने वालों से जिला प्रशास
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वहीं, निगम ने पुलिस से पत्र लिखकर उन कागजातों की जानकारी मांगी है, जो एफआईआर कराने के लिए जरूरी हैं। 2 माह पहले अवैध कॉलोनियों की संख्या 1535 थी, जो अब 1937 तक पहुंच गई है। इससे साफ है कि अवैध कॉलोनी बसा रहे माफिया में प्रशासन का डर नहीं है।
शहरी क्षेत्र में अवैध कॉलोनियों से जुड़े कॉलोनाइजरों पर कार्रवाई का अधिकार निगम आयुक्त को है। वहीं निगम सीमा के बाहर कलेक्टर को अधिकार है। कलेक्टर कोर्ट में रिपोर्ट के आधार पर 122 अवैध कॉलोनियों के प्रकरण दर्ज हो चुके हैं। इन कॉलोनाइजर को नोटिस जारी हो चुके हैं। इन्हें 16-17 जनवरी को पहुंचना होगा।
सुनवाई होने तक प्लॉट की बिक्री पर रोक रहेगी। वहीं पंजीयन विभाग के पास कलेक्टर का अवैध कॉलोनियों में प्लॉट की बिक्री पर रोक संबंधी कोई आदेश नहीं पहुंचा है। यहां के अधिकारियों ने कहा कि जीडीए ने कुछ लोकेशन पर रजिस्ट्री न करने का पत्र लिखा है, उस पर अमल हो रहा है।
पुलिस नहीं लेती रुचि, थानों में 52 आवेदन सिर्फ 14 पर केस
अवैध कॉलोनी काटने वाले माफियाओं पर प्रकरण दर्ज करने में पुलिस कम रुचि लेती है। निगम अधिकारियों की माने तो प्रकरण दर्ज कराने के लिए जरूरी कागजात देने के बाद भी एफआईआर नहीं हो पातीं। निगम ने 2 सालों में अवैध कॉलोनी बसाने वाले 52 माफियाओं के खिलाफ आवेदन दिए, लेकिन पुलिस ने सिर्फ 14 पर एफआईआर दर्ज की है।
नगर निगम सीमा में यहां पर हैं बस रही हैं अवैध कालोनियां
नगरीय क्षेत्र में बहोड़ापुर, बरा, रानीपुरा, मालनपुर, जगनापुरा, मोहम्मदपुर, गोसपुरा, मुरार, पिपरोली रोड, बाराघाटा, केदारपुर, बाराघाटा, शिवपुरी लिंक रोड, जहांगीरपुर, रायरू, रुद्रपुरा, पुरानी छावनी, लालघाटी पुरानी छावनी, खेरियाभान, पिपरौली, जडे़रुआकला आदि स्थानों पर अवैध कॉलोनी हंै।
कलेक्टर न्यायालय:डबरा की सबसे ज्यादा कॉलोनी कलेक्टर न्यायालय में सर्वाधिक 70 कॉलोनी डबरा की, 26 ग्वालियर सिटी व 25 मुरार के ग्रामीण क्षेत्र की हैं। मुरार ग्रामीण में एक कॉलोनी से जुड़े मामले में प्रकरण दर्ज हुआ है। खबर है कि भितरवार की 39, घाटीगांव की 14 अवैध कॉलोनियों के प्रकरण भी जल्द दर्ज होंगे, इसके बाद आगे की प्रक्रिया होगी।
एक्सपर्ट-बीएम शर्मा, पूर्व संभाग आयुक्त
1-अवैध कॉलोनियों में प्लाट लेने पर क्या कार्रवाई हो सकती है? – ऐसी कॉलोनियों में मकान बनाने के लिए निकाय मंजूरी नहीं देते हैं। बिना मंजूरी निर्माण होने पर प्रशासन इन्हें अवैध मानकर तोड़ सकता है। 2-अवैध कॉलोनियां बसती हैं तब अमला कार्रवाई क्यों नहीं करता? – जो फील्ड स्टाफ होता है उसे सब पता होता है, लेकिन कभी लालच तो कभी माफिया के बड़े लोगों से संबंध के डर से कार्रवाई नहीं करते। 3-प्रशासन,पुलिस में एफआईआर का पत्र लिखता है, लेकिन फिर भी माफियाओं में डर क्यों नहीं – पुलिस ऐसे पत्र तफ्तीश में डाले रहती है। होना ये चाहिए कि जांच जल्द पूरी होने के बाद चालान कोर्ट में पेश हो, लेकिन ऐसा होता नहीं है। चूंकि पुलिस खात्मा रिपोर्ट नहीं लगा सकती है, इसलिए कार्रवाई लंबित रहती है।