पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह कार्यकर्ताओं से चर्चा करते हुए
ग्वालियर में अल्प प्रवास पर पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने चुनाव आयोग और भाजपा पर कड़ा हमला किया। उन्होंने चुनाव आयोग पर आरोप लगाते हुए कहा, “महाराष्ट्र में साढ़े चार साल में 42 लाख मतदाता बढ़े, जबकि लोकसभा और विधानसभा चु
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वहीं, दिग्विजय सिंह ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा द्वारा राहुल गांधी की महू यात्रा पर दिए गए बयान पर पलटवार करते हुए कहा, “वीडी शर्मा जी से पूछना चाहता हूं कि क्या उन्होंने भारतीय संविधान पढ़ा है? भारतीय संविधान की कौन सी धारा का कांग्रेस पार्टी विरोध करती है? उन्होंने कहा, “संविधान के मूल प्रिंसिपल में चार बातें हैं—धार्मिक सद्भाव, भाईचारा, न्याय, और समानता—इन्हें हम पूरी तरह से पालन करते हैं, लेकिन भाजपा इनका पालन नहीं कर रही है।
दिग्विजय सिंह ने यह भी कहा- ‘भारतीय जनता पार्टी के कई नेता कह चुके हैं कि हम संविधान को बदल देंगे।’ उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के समय गठित एक आयोग का हवाला देते हुए कहा, “जिसे भारतीय संविधान में विश्वास नहीं है, वह बाबा साहेब की भावनाओं को नहीं समझ सकता। वीडी शर्मा जी को थोड़ा इतिहास देखना चाहिए। जब भारतीय संविधान को अपनाया गया था, तब RSS ने इसका खुलकर विरोध किया था और उसकी प्रतियां जलायी थीं।’
भागवत के बयान की निंदा, कहा- सेनानियों का अपमान
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत द्वारा सच्ची आज़ादी पर दिए गए बयान पर दिग्विजय सिंह ने कड़ा विरोध जताया है। दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘मैं इस बयान की घोर निंदा करता हूं। भागवत जी ने देश के लाखों करोड़ों लोगों की भावनाओं का अपमान किया है।’
उन्होंने आगे कहा, ‘शहीद भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद, अशफाकउल्लाह, गणेश शंकर विद्यार्थी और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान किया गया है, जिन्होंने देश के लिए शहादत दी। महात्मा गांधी, जिन्होंने आज़ादी की लड़ाई में अपना पूरा जीवन समर्पित किया, पंडित नेहरू, सरदार पटेल, और लाखों अन्य लोग जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में योगदान दिया, उनका भी अपमान किया गया है। पंडित नेहरू का पूरा परिवार जेल में था, उनके माता-पिता, पत्नी और बेटी सब जेल में थे।’
दिग्विजय सिंह ने यह भी कहा, ‘यह अपमान उन स्वतंत्रता सेनानियों का है जिन्होंने ब्रिटिश हुकूमत की लाठियां और गोलियां खाई, जबकि आरएसएस के लोग ब्रिटिश हुकूमत का साथ दे रहे थे और मुस्लिम लीग के साथ सरकारें बना रहे थे। हिंदू महासभा के लोग, जैसे श्यामा प्रसाद मुखर्जी, बंगाल में मुस्लिम लीग के साथ डिप्टी चीफ मिनिस्टर थे।’
उन्होंने मोहन भागवत से माफी मांगने की मांग करते हुए कहा, “भागवत जी को इन स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान करने के लिए माफी मांगनी चाहिए।’
माधवराव सिंधिया को मैं और अर्जुन सिंह कांग्रेस में लाए थे
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए दिग्विजय सिंह ने पलटवार किया। उन्होंने कहा, ‘ज्योतिरादित्य सिंधिया एक उदाहरण दें जब मैंने स्वर्गीय माधवराव सिंधिया के खिलाफ कुछ बोला हो। माधवराव सिंधिया को मैं और अर्जुन सिंह कांग्रेस में लेकर आए थे।’
दिग्विजय सिंह ने आगे कहा, ‘ज्योतिरादित्य सिंधिया मेरे बेटे के समान हैं, लेकिन अब वह हमारी पार्टी से बाहर निकल कर चले गए हैं, इसलिए आज उल्टी बातें कर रहे हैं। जब सिंधिया जी कांग्रेस में थे, तब वह कहते थे कि बीजेपी ISI और पाकिस्तान का सहयोग करती है, लेकिन अब जब वह उस पार्टी में शामिल हो गए हैं, तो वही बातें करने लगे हैं।’
यह बयान दिग्विजय सिंह ने सिंधिया के हालिया बयानों के संदर्भ में दिया, जिनमें उन्होंने कांग्रेस पार्टी और उसके नेताओं पर तीखा हमला किया था।
सौरभ शर्मा को ढूंढ़े सरकार, विधूड़ी के खिलाफ कार्रवाई हो
परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के मामले पर दिग्विजय सिंह ने सरकार से सवाल किया। उन्होंने कहा, ‘आखिर सौरभ शर्मा कहाँ है? वह ग्वालियर का रहने वाला है, उसे ढूंढ कर सरकार बताए।’
वहीं, पूर्व बीजेपी सांसद और दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी रमेश विधूड़ी के विवादित बयान पर दिग्विजय सिंह ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, ‘विधूड़ी जी के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। वह व्यक्ति खुलेआम सदन में और सदन के बाहर इतनी निम्न स्तर की भाषा का उपयोग करता है। उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, क्योंकि ऐसे व्यक्ति को चुनाव लड़ने की पात्रता ही नहीं होनी चाहिए।’
दिग्विजय सिंह ने विधूड़ी के व्यवहार को लेकर चुनाव आयोग और संबंधित अधिकारियों से उचित कदम उठाने की मांग की।