तहसीलदार शत्रुघन सिंह चौहान, जिन पर एक महिला ने दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया है। जिसके बाद वह भूमिगत हो गए हैं।
ग्वालियर महिला थाना पुलिस को शहर के सबसे दबंग तहसीलदार की तलाश है। महिला थाना पुलिस ने दस घंटे में तीन बार तहसीलदार की तलाश में दबिश दी। लेकिन वह घर पर नहीं मिले। पुलिस भू राजस्व कार्यालय भी पहुंची, जहां यौन शोषण की शिकायत के बाद सात दिन पहले उन्हें
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पुलिस के लिए तहसीलदार की गिरफ्तारी चुनौती बन गई है। पुलिस को पता लगा है कि रेप की एफआईआर के बाद से ही तहसीलदार भूमिगत हो गया है। पुलिस ने जब फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया तो वह आउट ऑफ रीच बता रहा है।
ग्वालियर के महिला थाना में बुधवार की रात तहसीलदार शत्रुघन सिंह चौहान के खिलाफ गायत्री विहार थाटीपुर निवासी एक महिला ने शादी का झांसा देकर रेप की एफआईआर दर्ज कराई थी। पीड़िता ने करीब 25 दिन पहले महिला थाने में शिकायत की थी। महिला थाना प्रभारी दीप्ति सिंह के अनुसार जांच के बाद अब तहसीलदार पर मामला दर्ज किया है। मामला हाई प्रोफाइल और महिला से जुड़ा होने के चलते जल्द से जल्द आरोपी को गिरफ्तार करने की कोशिश कर रहे हैं। 10 घंटे में तीन बार आरोपी के घर दबिश दे चुके हैं। हर बार आरोपी घर पर नहीं मिला है।
पीड़ित महिला, जिसको तहसीलदार ने शादी का झांसा देकर किया रेप।
धारा 164 के बयान में कहा- बार बार किया शोषण गुरुवार को पीड़ित महिला के कोर्ट में धारा 164 के बयान हुए हैं। बयान में महिला ने वही बात दोहराई, जो महिला थाने में FIR दर्ज करते समय बताई थी। धारा 164 के बयान में महिला ने बार-बार तहसीलदार द्वारा शादी का झांसा देकर उसका शारीरिक शोषण करने कि बात कही।
इतना ही नहीं यह भी बताया है कि उसका जो बेटा है उसका पिता तहसीलदार शत्रुघन सिंह चौहान है। महिला ने आरोप लगाया है कि शत्रुघन सिंह चौहान ने चार शादी की है। जब उनकी बाकी पत्नियों के बारे में मुझे पता लगा और मैंने विरोध किया तो उन्होंने मुझसे मारपीट की और बात करना बंद कर दी। मेरा पैसा और गहने भी ले गए।
हाल ही में 2 जनवरी 2025 को शाम 6 से 7 बजे वह मेरे घर आए और मेरे साथ गलत काम करने का प्रयास किया। लेकिन मैंने उन्हें धक्का देकर भगा दिया। मेरे द्वारा दिसंबर में ही मामले की शिकायत महिला थाने में की थी। जिसके बाद बुधवार को मामला दर्ज किया गया है। दूसरी बार लगा है यौन शोषण का आरोप किसी महिला द्वारा तहसीलदार शत्रुघन सिंह चौहान पर यौन शोषण का आरोप लगाने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी शत्रुघन के चलते सीटी सेंटर तहसील ऑफिस में पदस्थ एक महिला कर्मचारी ने इमरजेंसी ट्रांसफर लिया था। एक गोपनीय शिकायत के बाद तहसीलदार को कलेक्टर कार्यालय में अटैच करना पड़ा था। महिला का आरोप- 2014 में हुआ बेटा तहसीलदार का ही शहर के थाटीपुर एरिया में रहने वाली 34 वर्षीय महिला ने बताया कि वह भिंड की रहने वाली है। साल 2005-06 में उसकी शादी हुई थी। दो साल बाद उसके पति का देहांत हो गया था। साल 2008 में शत्रुघन सिंह चौहान का उसके जेठ के पास आना-जाना था। उन्होंने मेरे जेठ को धंधे में फायदा पहुंचाकर जबरन मुझे हासिल किया। मुझसे शादी का वादा कर शारीरिक संबंध बनाने लगे।
10 अगस्त 2008 को भिंड के मानगढ़ में महिला के घर आकर रात 10.30 बजे उससे शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाए। इसी साल वह नायब तहसीलदार बन गए। इसके बाद वह लगातार मेरा शारीरिक शोषण करते रहे। साल 2010 में रतनगढ़ माता मंदिर पर मांग में सिंदूर भरकर मुझसे शादी की नौटंकी की थी।
इसके बाद जहां-जहां पोस्टिंग रही वहां-वहां रखा और संबंध बनाए। मेरा खर्चा भी वहीं उठाते थे। महिला का आरोप है कि साल 2014 में उनसे एक बेटे का जन्म हुआ है। जिसका डीएनए टेस्ट कभी भी करा सकते हैं।
