‘युद्ध नहीं जिनके जीवन में, वो भी बड़े अभागे होंगे, या तो प्रण को तोड़ा होगा या रण से भागे होंगे।’
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एक वीडियो है, जिसमें सिविल सर्विस की कोचिंग देने वाले और अब AAP लीडर अवध ओझा ये लाइनें कह रहे हैं। वीडियो की शुरुआत में उनसे मनीष सिसोदिया के सीट बदलने पर सवाल पूछा गया था। मनीष सिसोदिया दिल्ली की पटपड़गंज सीट से चुनाव लड़ते थे, इस बार जंगपुरा से मैदान में हैं। पटपड़गंज में AAP ने अवध ओझा को टिकट दिया है।
दैनिक भास्कर ने अवध ओझा से पूछा कि क्या आपका इशारा सिसोदिया के रण से भागने की तरफ है? वे जवाब देते हैं, ‘रण से भागे होते तो लड़ते क्यों। मैंने कहा कि वे पूरी दिल्ली और देश के राजनेता हैं। उन्होंने ही मुझसे कहा कि ओझा जी मैं कहीं से भी लड़ सकता हूं। आप अपनी प्राथमिकता बता दीजिए। वे 10 साल से काम कर रहे हैं, कहीं भी जाएंगे, उन्हें लोग गले लगा लेंगे।
अवध ओझा ने 2 दिसंबर, 2024 को अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया की मौजूदगी में AAP जॉइन की थी। 9 दिसंबर को पार्टी ने उन्हें पटपड़गंज से कैंडिडेट घोषित कर दिया।
हमने उनसे मनीष सिसोदिया की जगह लेने, AAP जॉइन करने और BJP के लिए सॉफ्ट कॉर्नर रखने पर सवाल पूछे। पढ़िए पूरा इंटरव्यू…
सवाल: लोकसभा चुनाव में BJP और कांग्रेस से टिकट मांगा, BSP का टिकट ठुकरा दिया, अब AAP से विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं? जवाब: आम आदमी पार्टी का मुख्य आधार ह्यूमन रिसोर्स का विकास है। ह्यूमन रिसोर्स के दो पिलर हैं- शिक्षा और स्वास्थ्य। ये किसी भी परिवार और राष्ट्र को शक्तिशाली बनाते हैं। इन दोनों क्षेत्रों में आम आदमी पार्टी का अच्छा-खासा काम रहा है। यही वजह है कि मैंने आम आदमी पार्टी जॉइन की।
सवाल: BJP के लोग कह रहे हैं कि मनीष सिसोदिया पटपड़गंज छोड़कर भाग गए। आप इसी सीट से लड़ना चाहते थे। पूर्व डिप्टी CM की सीट आपको देने की वजह क्या है? जवाब: मैंने अपने परिवार की वजह से पटपड़गंज सीट मांगी। इस इलाके में मेरा बड़ा परिवार रहता है। अब तो ये इतना बड़ा हो गया है कि मैं नामांकन दाखिल करने गया, तो लोगों का हुजूम मेरे साथ था।
अवध ओझा ने 17 जनवरी, शुक्रवार को नामांकन दाखिल किया है। इससे पहले उन्होंने रोड शो निकाला
सवाल: ये तो वैसे ही है कि BJP में अमित शाह की अहमदाबाद सीट बदलकर किसी और को लड़ा देना। AAP में नंबर 2 नेता की सीट आखिर आपको कैसे मिल गई? जवाब: इसके लिए मैं सिसोदिया जी को बहुत धन्यवाद देता हूं। मैंने कहा था कि आप बहुत बड़ी कुर्बानी दे रहे हो। कहीं लंबे समय तक राजनीति करने के बाद उसे छोड़ना आसान नहीं होता।
सवाल: पूर्व डिप्टी CM की सीट से लड़ना कितनी बड़ी जिम्मेदारी है? जवाब: बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने जिस तरह का प्रेम लोगों को दिया है, उस उम्मीद पर खरा उतरना बड़ी जिम्मेदारी है।
सवाल: आप मनीष सिसोदिया को रिप्लेस करते दिख रहे हैं। दिल्ली में उनके बनाए एजुकेशन मॉडल की तारीफ होती है। आपका क्या विजन है? जवाब: मैं सिसोदिया जी को कभी रिप्लेस नहीं कर सकता। वही मुझे लेकर आए हैं। शिक्षा के क्षेत्र में मुझसे जो सहयोग मांगा जाएगा, वो मैं दूंगा। मेरी इच्छा है कि हमारी शिक्षा जो चंद्रगुप्त, अशोक, समुद्रगुप्त जैसे लोग पैदा करती थी, वो फिर से शुरू हो।
सवाल: BJP के खिलाफ आप बाकी AAP नेताओं के मुकाबले कम हमलावर दिख रहे हैं। BJP के लिए आपके क्या पॉइंट हैं? जवाब: पहला तो ये कि आपने जो वादा किया, वो निभाना पड़ेगा। लोगों को 15 लाख दीजिए। आपने यात्रा शुरू की, महंगाई के मुद्दे को लेकर, तो लोगों की दिशा भ्रमित मत कीजिए। ‘एक हैं तो सेफ हैं’ और ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ जैसी बातें बीच में मत लाइए। महंगाई के मुद्दे लेकर आइए और जनता से बात कीजिए।
सवाल: BJP हिंदुत्व की राजनीति करती है, तो AAP चुप्पी साध लेती है। इन मुद्दों पर पार्टी का मौन रहना क्या सही है? जवाब: आम आदमी पार्टी बिल्कुल मौन नहीं रहती। हमने हमेशा से ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट की बात की है। मुख्य ताकत जनता है। जनता तैयार हो जाएगी, तो गलत रास्ते पर जाने वाले को अपने आप साइड कर देगी।
सवाल: आप पर 19 केस दर्ज थे, BJP प्रचार कर रही है कि आपने खुलकर कहा है कि आपने मर्डर किया है, क्या लोग ऐसे कैंडिडेट को वोट देंगे? जवाब: इलेक्शन कमीशन के पास मेरे सारे दस्तावेज हैं। मैं किसी भी डॉक्यूमेंट को छिपाता नहीं हूं। मैं BJP वालों से कहता हूं कि वो सारे डॉक्यूमेंट निकालकर पब्लिक करें। लोगों को भी पता चले कि सच्चाई क्या है। अब तो कुछ छिपा नहीं है। लीगल चीजें तो वैसे भी नहीं छिपा सकते हैं। मैं BJP के लोगों से रिक्वेस्ट कर रहा हूं कि वो सारी चीजें सामने निकालकर रखें और लोगों को बताएं कि असलियत क्या है।
सवाल: दिल्ली की लड़ाई AAP और BJP के बीच है, या कांग्रेस भी टक्कर में है। नेशनल पॉलिटिक्स में आपको कौन बेहतर लगता है? जवाब: नेशनल पॉलिटिक्स में आने वाले वक्त में केजरीवाल उभरकर आएंगे। दिल्ली में हमने जिस तरह से काम किए हैं, उसका प्रचार पूरे भारत में हो रहा है। आने वाला समय हमारी पार्टी का है।
सवाल: आम आदमी पार्टी की शुरुआत भ्रष्टाचार के विरोध और सादगी से हुई थी। ये पहचान पार्टी खो चुकी है। क्या ये कहना ठीक होगा? जवाब: आपने देखा कि अरविंद केजरीवाल ने अपना नामांकन सिर्फ बहनों के साथ किया। कोई लाव-लश्कर नहीं, कोई भौकाल नहीं, कोई दिखावा नहीं।
सवाल: किताबी और जमीनी राजनीति में क्या फर्क है? जवाब: जिंदगी का एक सिद्धांत है। हमें बचपन में कहा जाता है टॉप कर जाओगे, जिंदगी में फिर कोई कष्ट नहीं होगा, लेकिन ऐसा नहीं है। जिंदगी में चुनौतियां आती रहती हैं। हर फील्ड की अपनी चुनौतियां होती हैं, जब वो सामने आती हैं, तब पता चलता है कि ये असली चैलेंज है।
सवाल: आजकल टीचर सेलिब्रिटी हो गए हैं। लोग आप जैसे लोगों को सुनते हैं। क्या इसका पॉलिटिक्स में फायदा हो रहा है? जवाब: बहुत रिस्पॉन्स मिल रहा है। मैं एक साल से यूट्यूब पर गीता पढ़ा रहा हूं। 58 एपिसोड हो चुके हैं। उस पर सिर्फ स्टूडेंट ही नहीं, बड़ी उम्र के लोग भी जुड़ रहे हैं।
सवाल: बतौर पत्रकार मुझे लगता है कि BJP से ज्यादा टोकाटाकी आम आदमी पार्टी में होती है, BBC पर आपका इंटरव्यू रोक दिया गया? जवाब: नहीं, ऐसा बिल्कुल नहीं है। आपको यहां कोई सवाल करने से रोक नहीं रहा है। वे कार्यकर्ता थे। सेल्फी लेने के चक्कर में गेट पर खड़े थे। उन्हें लगा कि शायद गुरुजी को ग्रिल कर रहे हैं, इसलिए भावुक हो गए।
सवाल: कार्यकर्ता थे, तो उन्हें रोकना चाहिए था, लेकिन आपने कहा जो पार्टी कहेगी, वही करूंगा? जवाब: पार्टी और अनुशासन का गहरा संबंध है। कोई भी आदमी संगठन से ऊपर नहीं हो सकता। आप जिस संगठन में काम करते हैं, उसी की परिधि में रहकर काम करना होता है। ये मां-बेटे जैसा है, जो अलग नहीं हो सकता। संगठन में रहते हुए आपको अनुशासन का सम्मान करना होगा।
सवाल: पार्टी जॉइन करने के पहले केजरीवाल से क्या बात हुई थी? जवाब: वो मुझसे मिले, गीता पर चर्चा हुई। बोले आप गीता पढ़ाते हैं, मुझे सुनकर बहुत अच्छा लगता है। मेरी तमन्ना थी कि हम कभी बैठें और गीता पर चर्चा करें।
सवाल: AAP में कुमार विश्वास, योगेंद्र यादव, प्रशांत भूषण जैसे पब्लिक फेस आए, लेकिन ऊपर से नीचे आने में उन्हें जरा भी समय नहीं लगा। ये आपके साथ न हो, इसके लिए क्या सोचा है? जवाब: मैं सिर्फ एक बात जानता हूं कि परिवार में परिवार की तरह रहिए। परिवार में आप अनुशासन के साथ रहते हैं, वैसे ही आपको यहां रहना होगा।
परिवार का एक संविधान और रीति है। उसका उल्लंघन करेंगे तो क्या परिवार आपको स्वीकार करेगा। परिवार में नियम के हिसाब से रहिए, आप खुश रहेंगे।
सवाल: टीचर से पॉलिटिशियन, ये ट्रांजिशन कैसा चल रहा है और ये क्या डिमांड करता है? जवाब: दूरदर्शिता समय और अनुभव के साथ पैदा होती है। 25 साल तक मेरा शिक्षा के क्षेत्र में अनुभव रहा है। अब मुझे लगा कि अपने समय और अनुभव को देश के लोगों के विकास में लगा सकता हूं। शिक्षा को लेकर मेरा प्रोजेक्ट है, उस पर काम करना मेरे लिए अति अनिवार्य है।
सवाल: पटपड़गंज की जनता आपको क्यों वोट दे? जवाब: मैं उनके बच्चों का भविष्य बनाने जा रहा हूं। मैं अब तक 100 बच्चों की लिस्ट बना चुका हूं। मां-पिता मुझसे जुड़ गए हैं क्योंकि उनके बच्चों को पढ़ने में मजा आने लगा है।
सवाल: यहां वोटर्स के मुद्दे क्या हैं, लोगों का क्या फीडबैक मिल रहा है? जवाब: लोगों के अलग-अलग मुद्दे हैं। जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, सफाई। यही मुद्दे रहेंगे। इसे ही गति देने की जरूरत है।
सवाल: पटपड़गंज में पहाड़ी वोटर्स की तादाद अच्छी खासी है, क्या ये चुनावी समीकरण प्रभावित करेंगे? जवाब: शिक्षक से तो सभी जगह के छात्र पढ़ते हैं। मेरे लिए पूर्वांचली, पहाड़ी, मद्रासी, बंगाली सब एक जैसे हैं। मुझे सभी का समर्थन मिल रहा है।
……………………………………. इंटरव्यू में सहयोग: श्रेया नाकाड़े, फेलो …………………………………….
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