मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल में जीविका दीदियों की संचालित दीदी की रसोई का उद्घाटन तत्कालीन जिलाधिकारी प्रणव कुमार ने किया था। तब से यह रसोई संगम जीविका संकुल स्तरीय संघ से जुड़ी दीदियां चला रही हैं।
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यह रसोई अस्पताल में आने वाले मरीज और उनके परिजनों के लिए साफ और स्वादिष्ट खाना उपलब्ध कराती है, लेकिन इस रसोई की हालत काफी जर्जर हो गई है। मुख्यमंत्री नीतीश की प्रगति यात्रा के तहत पांच जनवरी को मुजफ्फरपुर आने से पहले इसे रिपेयर भी किया गया था। केवल 15 दिनों में ही रिपेयरिंग की पोल खुलने लगी है।
दीदी की रसोई में काम करती जीविका दीदियां।
दीदी की रसोई में रसोईया का काम करने वाली प्रमिला देवी ने बताया कि बेहद असुरक्षित माहौल में काम करने को मजबूर हैं। एक बार तो वह खुद रसोई में फिसलकर गिर चुकी है, जिससे उन्हें काफी चोट भी आई थी। टाइल्स टूटी हुई हैं। छत का प्लास्टर भी टूटकर गिरता रहता है और रसोई में पानी निकलने के बजाय जमा रहता है।
सदर अस्पताल अधीक्षक डॉक्टर बाबू साहेब झा का कहना है कि दीदी की रसोई में जो भी परेशानियां थी, उसे मुख्यमंत्री के आगमन से पहले ही ठीक कर दिया गया था। अब वहां कोई भी परेशानी नहीं है। उनके इस बयान से साफ तौर पर जाहिर होता है कि सदर अस्पताल में संचालित दीदी की रसोई का निरीक्षण करना भी वह जरूरी नहीं समझते हैं।