लखनऊ के मानक नगर में एक साहित्यिक समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें दो महत्वपूर्ण नवगीत संग्रहों ‘अर्द्ध शतक’ और ‘एक मुट्ठी भात’ का विमोचन हुआ। कार्यक्रम का आयोजन प्रख्यात नवगीतकार और संपादक शिवानंद सिंह ‘सहयोगी’ ने किया।
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समारोह में देश के वरिष्ठ गीतकार बुद्धिनाथ मिश्र ने अध्यक्षता की, जबकि प्रसिद्ध नवगीतकार और समीक्षक डॉ. गंगाप्रसाद शर्मा ‘गुणशेखर’ मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। वरिष्ठ लेखक और आलोचक डॉ. रामसुधार सिंह ने कार्यक्रम का संचालन किया।
साहित्यकारों ने रखे अपने विचार देश के अन्य क्षेत्रों से आए साहित्यकारों में गुणशेखर, रणजीत पटेल और राजा अवस्थी ने अपनी प्रतिभा का परिचय दिया। गणेश गंभीर द्वारा प्रस्तुत नवगीत की परिभाषा ने विशेष ध्यान आकर्षित किया। अध्यक्षीय भाषण में बुद्धिनाथ मिश्र ने अपने ज्ञानवर्धक और विनोदपूर्ण विचारों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
साहित्यिक परंपरा में एक नया अध्याय साबित हुआ आयोजक शिवानंद सिंह ने अस्वस्थ होने के बावजूद कार्यक्रम की सफल व्यवस्था की और बाहर से आए अतिथियों की सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा। यह आयोजन काशी की समृद्ध साहित्यिक परंपरा में एक नया अध्याय साबित हुआ, जिसमें उपस्थित विशेषज्ञों ने अपनी रचनाओं और विचारों से कार्यक्रम की गरिमा को और बढ़ाया।