हरियाणा सीएम नायब सिंह सैनी ने कल (23 जनवरी) को कैबिनेट मीटिंग बुलाई है। इस मीटिंग में हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र की डेट पर मुहर लगेगी। दिल्ली में पांच फरवरी को विधानसभा चुनाव होने हैं, इसको देखते हुए फरवरी के दूसरे सप्ताह में हरियाणा विधानसभा का ब
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अच्छे सुझावों को बजट में शामिल किया जाएगा। सुबह 11 बजे हरियाणा सिविल सचिवालय चंडीगढ़ की चौथी मंजिल पर स्थित मुख्य सभा कक्ष में होने वाली कैबिनेट बैठक में कई अहम निर्णय लिए जाएंगे।
बजट को लेकर 3000 सुझाव मिल चुके
हरियाणा में ये पहली बार है कि बजट को लेकर लोगों से आनलाइन सुझाव लिए जा रहे हैं। अब तक लगभग 2500 से 3000 सुझाव प्राप्त हो चुके हैं। विशेष रूप से महिला सशक्तिकरण पर सरकार फोकस कर रही है, जिसमें लखपति दीदी योजना से जुड़ी महिलाओं के विचारों को भी शामिल किया जा रहा है।
सरकार ने बजट निर्माण प्रक्रिया के लिए एक पोर्टल भी शुरू किया है, जिसके माध्यम से आम नागरिक अपने सुझाव दे सकते हैं। मुख्यमंत्री सैनी यह स्पष्ट कर चुके हैं कि सरकार विपक्ष और विधायकों के सुझावों को भी महत्व देगी।
लक्ष्मी लाडो योजना को मिल सकती है हरी झंडी
मीटिंग में लाडो लक्ष्मी योजना को हरी झंडी मिल सकती है, जिसके तहत प्रदेश की महिलाओं को हर महीने 2100 रुपये दिए जाएंगे। इसके अलावा पिछले दिनों ओलावृष्टि से फसलों को हुए नुकसान के मुआवजे की घोषणा सरकार कर सकती है। साथ ही 34 स्थानीय निकायों के चुनावों पर सरकार के स्तर पर निर्णय लिया जा सकता है।
कैबिनेट मीटिंग में चर्चा के बाद ही स्थानीय निकाय विभाग की ओर से राज्य चुनाव आयोग को निकाय चुनाव की सिफारिश की जाएगी, जिसके बाद अगले महीने के अंत या फिर मार्च की शुरुआत में चुनाव कराए जा सकते हैं।
पहली कैबिनेट में CET संशोधन को मिल चुकी मंजूरी
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी की अध्यक्षता में सेकेंड टर्म की पहली कैबिनेट मीटिंग में कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) में संशोधन को मंजूरी मिली थी। स्क्रीनिंग टेस्ट के लिए 10 गुना ज्यादा शॉर्टलिस्ट कैंडिडेट बुलाए जाने का फैसला लिया गया था।
ग्रुप C और D की भर्ती के लिए आर्थिक और सामाजिक आधार पर मिलने वाले 5 अंक को हटा दिया गया है। इससे पहले पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने भी इस पर रोक लगा दी थी।इसके अलावा, सेना और CRPF के शहीदों के परिवारों को मिलने वाला मुआवजा 50 लाख रुपए से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपए कर दिया गया था। हिंदी आंदोलन-1957 के मातृभाषा सत्याग्रहियों के लिए मासिक पेंशन 15 हजार रुपए से बढ़ाकर 20 हजार कर दी गई थी।