भारत में इल्लीगल माइग्रेशन (अवैध प्रवासी)की समस्या अब अराजकता के रूप में सामने आ रही है। हमारे राष्ट्रीयता के लिए जनसंख्या विस्फोट और धर्म परिवर्तन की योजनाबद्ध कोशिशें एक गंभीर खतरे के रूप में उभर रही हैं। UCC को लागू किया जाना चाहिए; हमें केवल चुना
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वो रायपुर में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT) , भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) भिलाई, और भारतीय प्रबंध संस्थान (IIM) रायपुर के छात्रों से “बेहतर भारत बनाने के विचार” कार्यक्रम में शामिल होने रायपुर पहुंचे थे। मंगलवार शाम आयोजित कार्यक्रम में उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, “हम इस देश में इल्लीगल माइग्रेशन ( अवैध प्रवासियों) से पीड़ित हैं, जो लाखों की संख्या में है। अगर आप इनकी संख्या गिनने जाएं तो यह चौंका देने वाली होगी, यह अब एक नासूर बन चुका है। यह एक ऐसी समस्या बन चुकी है जिसे हमें संभालना होगा क्योंकि यह अब अराजकता की दिशा में बढ़ रही है।”
जधानी रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में ‘कल्पनाएं: बेहतर भारत की’ कार्यक्रम में छात्रों के साथ ग्रुप फोटो भी ली गई।
उप राष्ट्रपति ने मंच से खुले तौर पर कहा कि “कोई भी देश लाखों अवैध प्रवासियों को सहन नहीं कर सकता, जिसका हमारे चुनावी तंत्र पर प्रभाव डालने की क्षमता है। वे आसानी से समर्थन प्राप्त कर लेते हैं। जब लोग छोटी-छोटी राजनीति में सोचते हैं, तो हमें हमेशा राष्ट्र को पहले रखना चाहिए। देश में अवैध प्रवासी का कोई औचित्य नहीं हो सकता। अगर यह लाखों में है, तो इसके हमारे अर्थव्यवस्था पर प्रभाव को देखें। ये हमारे संसाधनों, रोजगार, स्वास्थ्य क्षेत्र, और शिक्षा क्षेत्र पर दबाव डालते हैं। अवैध प्रवासियों की इस विशाल समस्या का समाधान में अब और देर नहीं की जा सकती । हमें इस समस्या से निपटने की जरूरत है।” धर्मांतरण पर भी बोले उपराष्ट्रपति ने कहा- “हमारे राष्ट्रीयता के लिए जनसंख्या विस्फोट एक गंभीर खतरे के रूप में उभर रहा है। सामान्य रुप से होने वाला जनसंख्या विकास शांति और सामंजस्यपूर्ण होता है, लेकिन अगर जनसंख्या विस्फोट केवल लोकतंत्र को अस्थिर करने के लिए हो, तो यह एक चिंता का विषय बन जाता है। फिर धर्मांतरण की योजनाबद्ध कोशिशें होती हैं, जो प्रलोभन के माध्यम से देश की जनसंख्या को बदलने का उद्देश्य रखती हैं।
राज्यपाल ने प्रदेश के गमछे से उप राष्ट्रपति का एयरपोर्ट पर स्वागत भी किया।
जगदीप धनखड़ ने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) जो की एक संवैधानिक ज़िम्मेदारी है उसका विरोध किया जाता है। ये तो संविधान के निर्देशात्मक सिद्धांतों में है। शासन पर यह दायित्व डाला गया है कि कानून लाए, यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करें। एक राज्य, उत्तराखंड ने इसे लागू किया है। हम संविधान में लिखी किसी चीज का विरोध कैसे कर सकते हैं? जो हमारे संविधान का हिस्सा है? हमें केवल चुनावी गणनाओं के संकुचित दृष्टिकोण से प्रभावित नहीं होना चाहिए। संविधान के निर्माताओं ने बहुत बुद्धिमानी और फोकस तरीके से हमारे लिए कुछ बुनियादी सिद्धांत दिए, लेकिन उन्होंने यह भी संकेत दिया था कि जैसे-जैसे लोकतंत्र परिपक्व होगा, हमें अपने लोगों के लिए कुछ लक्ष्य भी समझने होंगे, जिसमें से एक है यूनिफॉर्म सिविल कोड।”
राजनीतिक सहमति और संवाद की आवश्यकता पर जोर देते हुए, धनखड़ ने कहा, “हमें राजनीतिक दलों के बीच सार्थक संवाद और सहमति के माध्यम से समाधान निकालने की आवश्यकता है। कई राजनीतिक दल होंगे, उनकी अलग-अलग विचारधाराएं होंगी, सफलता के रास्ते पर उनके अलग-अलग दृष्टिकोण होंगे, लेकिन कुछ मुद्दे ऐसे हैं जिन पर एकजुटता और सहमति की आवश्यकता है, जैसे राष्ट्रीयता, विकास और सुरक्षा।
किसान और आदिवासियों की बेहतरी जरुरी कार्यक्रम में मौजूद छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रमेन डेका ने कहा कि एक मजबूत भारत को आत्मनिर्भर होने के साथ-साथ वैश्विक रूप से जुड़ा होना चाहिए। नवाचार और उद्यमिता की एक मजबूत संस्कृति को बढ़ावा देकर इस विजन को साकार किया जा सकता है। टिकाऊ कृषि के माध्यम से ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाकर, आदिवासी उद्यमिता को बढ़ावा देकर और अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे में निवेश करके, छत्तीसगढ़ समावेशी और सतत विकास का एक प्रकाश स्तंभ बन सकता है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने उप राष्ट्रपति को बताया कि छत्तीसगढ़ भविष्य की योजनाओं पर किस तरह काम कर रहा है।
हम ग्रीन GDP पर काम कर रहे मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि समृद्ध भारत के निर्माण के लिए हमें हमारे गौरवशाली इतिहास और सनातन परंपराओं का गहरा अध्ययन और इसकी गहरी समझ विकसित करनी होगी। भारत देश प्राचीनकाल से ही विश्वगुरु रहा है। तक्षशिला और नालंदा जैसे विश्वविद्यालयों की ख्याति पूरी दुनिया में थी। जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने के लिए हम ग्रीन जीडीपी पर काम कर रहे हैं। कार्बन उत्सर्जन कम करने के उपायों के साथ हम ग्रीन स्टील को बढ़ावा दे रहे हैं। जहां चुनौती उपस्थित होती है, वहीं संभावनाएं भी छिपी होती हैं।
कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति धनखड़ ने एनआईटी परिसर में बनने वाले गर्ल्स हॉस्टल की आधारशिला रखी। एनआईटी परिसर में बनने वाला गर्ल्स हॉस्टल एसईसीएल द्वारा सीएसआर मद से निर्मित किया जाएगा। कार्यक्रम में उपराष्ट्रति की धर्मपत्नी डॉ. सुदेश धनखड़, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, केन्द्रीय आवास एवं शहरी विकास राज्य मंत्री तोखन साहू भी मौजूद रहे।