रेलवे कर्मचारियों के नाम पर फर्जी दस्तावेज लगा कर 100 करोड़ की हेराफरी की गई थी। इसमें रेलवे के न्यायिक अधिकारी, वकील और सरकारी कर्मचारियों की भूमिका की बात सामने आई थी। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने रेलवे क्लेम घोटाले में बड़ी कार्रवाई की है।
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पटना, नालंदा और बेंगलुरु में कई ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। ईडी के इस कार्रवाई से हड़कंप मच गया है। ईडी की अलग-अलग टीम पटना, नालंदा और बेंगलुरु में छापेमारी कर रही है। टीम को कुछ अहम दस्तावेज हाथ लगा है।
न्यायिक अधिकारी आरके मित्तल पहले से ही बर्खास्त
रेलवे कर्मचारियों के नाम पर फर्जी दस्तावेजों लगा कर 100 करोड़ रुपये की हेराफरी की गई थी। इसमें रेलवे के न्यायिक अधिकारी, वकील और सरकारी कर्मचारियों की भूमिका की बात सामने आई थी। इस मामले में रेलवे न्यायिक अधिकारी आरके मित्तल को पहले ही बर्खास्त किया जा चुका है। अब ईडी की टीम आरके मित्तल और उनके वकील बीएन सिंह के ठिकानों पर छापेमारी कर रही है।
आरके मित्तल को कुछ साल पहले भ्रष्टाचार के आरोप में सेवा से बर्खास्त किया गया था। रेलवे में हुए करोड़ों के इस घोटाले में सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति उदय यू ललित की पीठ के निर्देश पर सीबीआई ने यह मामला दर्ज किया था। मनी लॉन्ड्रिंग की बात सामने आने पर ईडी इस मामले की जांच में लगी।