रोहतक में दैनिक भास्कर से बात करतीं इनेलो महिला विंग की प्रधान महासचिव सुनैना चौटाला।
हरियाणा के 5 बार CM रहे ओमप्रकाश चौटाला के निधन के बाद चौटाला परिवार के एकजुट होने के आसार नजर नहीं आ रहे। इनेलो महिला विंग की प्रधान महासचिव सुनैना चौटाला ने कहा कि परिवार तो कौरव और पांडवों का भी एक ही था। सुनैना ने सामाजिक तौर पर परिवार की एकजुटता
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वहीं सुनैना ने हरियाणा BJP अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली पर गैंगरेप केस को लेकर कहा कि नैतिकता के आधार पर उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। ओपी चौटाला के निधन के बाद पहली बार रोहतक पहुंची सुनैना चौटाला ने दैनिक भास्कर से परिवार के एक होने को लेकर विस्तृत बातचीत की।
सवाल: चौटाला परिवार इनेलो और JJP, दो पार्टियों में बंटा हुआ है। क्या वह अब एक हो सकता है? सुनैना: सामाजिक तौर पर बात करें तो कह सकते हैं। उसके लिए हम भगवान से प्रार्थना करेंगे कि चौटाला परिवार एक हो। मगर, राजनीतिक तौर पर बात करें तो यह पार्टी का नेतृत्व इस बात को सुनिश्चित करता है। मगर, जनता बखूबी समझ चुकी है। जनता सिर्फ इनेलो का राज देखना चाहती है।
सवाल: पूर्व CM ओपी चौटाला के निधन के बाद परिवार के एक होने की चर्चाएं चली थीं? सुनैना: चर्चाएं चलती रहती हैं। चर्चाएं चलनी भी चाहिए, क्योंकि जब तक चर्चा नहीं होगी, जब तक निदान नहीं हो पाता। मगर, आपके सामने है कि यह हमारे परिवार राजनीतिक परिवार है। इतिहास हमेशा दोहराता है। कौरव और पांडव, दोनों एक ही परिवार के थे और अलग-अलग हुए। यह सामान्य सी बात है। इसको बहुत बड़ी बात बनाना ठीक नहीं है।
सवाल: भाजपा ने तीसरी बार सरकार बनाई, इसे कैसे देखती हैं। कार्यकाल को कैसा मानती हैं? सुनैना: वैसे ही देखते हैं, जैसे पिछले 10 सालों से देख रहे थे। कोई भी दल होता है, उसकी नीयत और नीति देखी जाती है। इनमें मुझे न तो कोई नीयत दिखाई दी और ना ही नीति दिखी। अगर इनेलो और भाजपा के शासनकाल की तुलना करेंगे तो इनेलो ने हमेशा नीति भी दिखाई है और नीयत भी, उसे लागू भी किया है।
सवाल: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ रेप की FIR दर्ज हुई है। अभी गिरफ्तारी भी नहीं हुई है? सुनैना: गिरफ्तारी के लिए तो जुर्म साबित होना चाहिए। मगर, नैतिकता के आधार पर उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।
सवाल: भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इनेलो पर आरोप लगाए थे कि इनेलो भाजपा की बी टीम बनकर काम कर रही है? सुनैना: हम 10 साल से कह रहे हैं कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा स्वयं बी टीम बनकर काम कर रहे हैं। अब तो यह बात साबित हो चुकी है। इस चुनाव के बाद कि असल में भाजपा की बी टीम भूपेंद्र सिंह हुड्डा हैं।
राजनीतिक तौर पर कैसे बंटा चौटाला परिवार, 3 पॉइंट्स में जानिए
1.ओपी चौटाला जेल गए तो इनेलो में फूट पड़ी टीचर घोटाले में जेल जाने के बाद उनके परिवार में फूट पड़ गई। छोटे बेटे ने इनेलो की कमान संभाल ली। जेल में बंद अजय चौटाला ने विदेश में पढ़ रहे बेटों दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय चौटाला को देश वापस बुला लिया। जिसके बाद दोनों तरफ से इनेलो को लेकर खींचतान शुरू हो गई।
2. बड़े बेटे और पोतों को पार्टी से निकाला ओपी चौटाला जब 2018 में पैरोल पर बाहर आए तो 7 अक्टूबर को गोहाना में रैली थी। इसमें जब अभय चौटाला बोलने लगे तो इनेलो समर्थकों ने दुष्यंत चौटाला को CM बनाने के नारे लगाने शुरू कर दिए। इससे चौटाला नाराज हो गए और पार्टी ने अजय और दोनों बेटों को कारण बताओ नोटिस निकाल दिया। जिसके बाद तीनों को इनेलो से निकाल दिया गया। उन्होंने अपनी नई जननायक जनता पार्टी (JJP) बना ली।
3. इनेलो फिर सत्ता में नहीं आ पाई इनेलो में पड़ी इस फूट के बाद वह कभी सत्ता में नहीं आ पाई। जजपा ने 2019 के चुनाव में 10 सीटें जीतीं। भाजपा को 40 सीटें मिली थी तो बहुमत के लिए 5 और विधायकों की जरूरत देखते हुए जजपा ने उनसे गठबंधन कर लिया। करीब साढ़े 4 महीने वे सत्ता में रहे। हालांकि लोकसभा चुनाव से पहले यह गठबंधन टूट गया। इस बार के चुनाव में इनेलो ने 2 सीटें जीतीं लेकिन जजपा खाता भी नहीं खोल पाई।