आगरा सदर तहसील में जमीनों के फर्जीवाड़े की एसआईटी ने जांच तेज कर दी है। जो आरोपी जेल भेजे गए हैं, उनका आपराधिक इतिहास भी खंगाला गया है। इसमें ब्रजेश दुबे का पुलिस को पूर्व का क्रिमिनल रिकॉर्ड मिला है। इसके अलावा एसआईटी अब जिल्द रजिस्टर को कब्जे में ल
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जमीनों की खरीद फरोख्त फर्जी तरीके से करने के मामले की विवेचना एसआईटी कर रही है। इसकी अध्यक्षता एसीपी सदर विनायक भोंसले कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पांच लोगों को जेल भेजा जा चुका है। इन सबका आपराधिक रिकॉर्ड तलाशा गया। इसमें ब्रजेश दुबे के खिलाफ पूर्व में धोखाधड़ी के दो मामले दर्ज पाए गए हैं। इसके अलावा इस कांड में शामिल अन्य लोगों की भूमिका की जांच की जा रही है। फर्जीवाड़ा जिल्द के माध्यम से किया गया। उससे असली बैनामे को निकालकर फर्जी लगा दिए गए। यह जिल्द रजिस्टर रिकॉर्ड रूम के कर्मचारियों के पास रहता है। इस पूरे काम को बाहरी लोग अंजाम दिया करते थे।
चार नामजद आरोपी फरार तहसील में फर्जीवाड़े के मामले में थाना शाहगंज में 11 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। इसमें से 6 आरोपी सेवानिवृत्त रिकॉड कीपर देवदत्त शर्मा, ब्रजेश दुबे, सुमित अग्रवाल, प्रो. भानु रावत, राजकुमार को गिरफ्तार किया था। वहीं एक आरोपी की मृत्यु हो चुकी है। फरार आरोपी श्यामलाल शर्मा, शिवचरण, प्रबल प्रताप सिंह, प्रशांत शर्मा फरार हैं। उनकी तलाश में टीम लगी है।
और भी नाम आएंगे सामने जमीनों के खेल के प्रशांत शर्मा और अजय सिसौदिया मास्टरमाइंड हैं। दोनों जेल में पहले ही भेजे गए थे। प्रशांत शर्मा ने अपने ससुर के नाम भी दो जमीनों के बनामे कराए थे। उन्हें एसआईटी रिमांड पर लेगी। वहीं शुक्रवार को टीम तहसील स्थित निबंधन कार्यालय पहुंची। नोटिस दिए। हेल्प लाइन में आ रहे फोन डीसीपी सिटी सूरज राय ने बताया कि इस तरह जमीन हड़पने का यह पहला मामला नहीं है। गिरोह में कई लोग शामिल हैं। जल्द ही बड़ा खुलासा किया जाएगा। पुलिस के नंबर पर 14 शिकायतें मिली हैं। लोगों से दस्तावेज कार्यालय में देने के लिए कहा गया है। जांच में मामला सही निकलने पर केस दर्ज कराए जा सकते हैं।