ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी ने वक्फ संशोधन बिल के लिए गठित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का समर्थन किया है। उनका कहना है कि कमेटी ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है और इसे जल्द ही संसद में पेश किया जाएगा। उन्
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वक्फ संपत्तियों पर भ्रष्टाचार का आरोप
मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने देशभर में वक्फ बोर्डों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कई वक्फ बोर्डों के चेयरमैन और विभागीय अधिकारी भू-माफियाओं के साथ मिलकर वक्फ संपत्तियों की हेराफेरी कर रहे हैं। उनका कहना है कि इन संपत्तियों का उपयोग गरीब और बेसहारा मुसलमानों की मदद के लिए किया जाना चाहिए, लेकिन भ्रष्टाचार के कारण इसका सही इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है।
केंद्र सरकार से बिल जल्द लागू करने की मांग
मौलाना शहाबुद्दीन ने केंद्र सरकार से अपील की कि वक्फ संशोधन बिल को संसद में पास करने के बाद जल्द से जल्द लागू किया जाए। उनका मानना है कि इस बिल के लागू होने से वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी और इनसे होने वाली आमदनी का सही उपयोग गरीब मुसलमानों की भलाई के लिए किया जा सकेगा।
बरेलवी संगठनों को नजरअंदाज करने पर नाराजगी
मौलाना शहाबुद्दीन ने यह भी आरोप लगाया कि जेपीसी कमेटी की बैठकों में बरेलवी उलेमा और संगठनों को नजरअंदाज किया गया। उन्होंने बताया कि जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल के नेतृत्व में समिति ने दिल्ली, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, बिहार और लखनऊ सहित कई राज्यों में बैठकें कीं, लेकिन बरेलवी समुदाय के प्रतिनिधियों को उचित स्थान नहीं दिया गया। इस पर उन्होंने नाराजगी जाहिर की और भविष्य में बरेलवी संगठनों को भी प्रक्रिया में शामिल करने की मांग की। बरेलवी उलेमा ने वक्फ संशोधन बिल पर जेपीसी कमेटी का समर्थन किया है, लेकिन साथ ही वक्फ संपत्तियों में हो रहे भ्रष्टाचार पर चिंता भी जताई है। मौलाना शहाबुद्दीन ने केंद्र सरकार से अपील की है कि इस बिल को जल्द से जल्द लागू किया जाए, ताकि वक्फ संपत्तियों का सही उपयोग हो सके और गरीब मुसलमानों को इसका लाभ मिल सके। इसके अलावा, उन्होंने बरेलवी संगठनों को भी इस प्रक्रिया में शामिल करने की मांग की है ताकि उनका पक्ष भी सुना जा सके।