गुजरात के वडोदरा में 18 जनवरी 2024 को हरणी लेक हादसे में 12 बच्चों और 2 शिक्षिकाओं की मौत हुई थी।
गुजरात के वडोदरा में 18 जनवरी 2024 को हरणी लेक हादसे में 12 बच्चों और 2 शिक्षिकाओं की मौत हुई थी। हादसे के मृतकों के परिवारों के लिए 1 साल 20 दिन बाद वडोदरा सिटी डिप्टी कलेक्टर वीके सांभड़ ने मुआवजे की घोषणा की है। हादसे में 12 बच्चों की मौत हुई थी। इ
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गुजरात हाई कोर्ट में चीफ जज सुनीता अग्रवाल और प्रणव त्रिवेदी की पीठ के समक्ष वडोदरा हरणी तालाब नाव दुर्घटना मामले में सुओमोटो पिटीशन पर सुनवाई हो रही है। फिलहाल मृतकों के परिवारों को मुआवजा देने पर चर्चा हो रही है। अंततः हाई कोर्ट ने वडोदरा जिला कलेक्टर को आदेश दिया कि वे MACP के प्रावधानों के अनुसार कोटिया प्रोजेक्ट से मृतकों और घायलों के परिवारों को मिलने वाली राशि तय करें।
‘न्यू सनराइज स्कूल भी यही मुआवजा दे’
न्यू सनराइज स्कूल से भी यही मुआवजा मिलना बाकी है।
कोटिया प्रोजेक्ट ने कहा कि उन्हें कलेक्टर के हलफनामे की प्रति नहीं मिली है। गुजरात हाई कोर्ट में पीड़ितों के लिए दायर जनहित याचिका में मुआवजे की मांग करने वाले पीड़ितों के वकील उत्कर्ष दवे ने कहा कि यह मुआवजा केवल कोटिया प्रोजेक्ट द्वारा ही देय है। न्यू सनराइज स्कूल से भी यही मुआवजा मिलना बाकी है। इस प्रकार प्रत्येक मृतक को कुल ~60 लाख का मुआवजा मिलना चाहिए। विदित हो कि उत्कर्ष दवे मोरबी ब्रिज त्रासदी के पीड़ितों के भी वकील हैं। उनके प्रयास मोरबी के पीड़ितों के लिए मुआवजा सुनिश्चित करने में भी मदद कर रहे हैं।
मृतक बच्चे की मां संध्या निजामा ने कहा कि मोटर वाहन अधिनियम के तहत हमें मुआवजा मंजूर नहीं है। यह कानून नाव दुर्घटनाओं पर लागू नहीं होता। ये लोग जनता को मूर्ख बनाना चाहते हैं। हम इस मुआवजे को स्वीकार नहीं करते। हम ~5 करोड़ का मुआवजा चाहते हैं। कोटिया परियोजना के अलावा मनपा और स्कूल प्रशासक भी जिम्मेदार हैं। इन सभी से मुआवजा मांगा जाना चाहिए। सबकी लापरवाही के कारण हादसा हुआ है। मृतक बच्चे के पिता कल्पेश निजामा ने कहा कि हम इस मुआवजे से संतुष्ट नहीं हैं। किसी भी बच्चे के जीवन का मूल्य कोई भी निर्धारित नहीं कर सकता। हमने हाईकोर्ट में ~5 करोड़ की मांग की है। हाईकोर्ट में न्याय नहीं मिला तो हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।

मृतकों में 12 बच्चे और 2 शिक्षकाएं शामिल हैं, जबकि 2 घायल भी हैं।
MACP के तहत गणनाः 9% वार्षिक ब्याज के साथ मुआवजा देने का आदेश मुआवजे का निर्णय पीड़ितों और कोटिया परियोजना दोनों का पक्ष सुनने के बाद लिया गया है। मृतकों में 12 बच्चे और 2 शिक्षकाएं शामिल हैं, जबकि 2 घायल भी हैं। एमएसीपी के अनुसार, जिला कलेक्टर ने प्रत्येक मृतक बच्चे के लिए ~31,75,700 लाख, 2 शिक्षकाओं में से एक के परिवार को ~11,21,900 लाख, दूसरे को ~16,68,029 लाख और 2 घायलों को ~50-50 हजार मुआवजा देने का फैसला किया है। यह मुआवजा कोटिया परियोजना के माध्यम से देय है, जिसने जनहित याचिका दायर करने की तिथि से मुआवजा भुगतान होने तक 9% प्रति वर्ष ब्याज के साथ भुगतान करने का आदेश दिया है। इस मामले पर आगे की सुनवाई निकट भविष्य में होगी।