Wednesday, June 18, 2025
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सूर्यकांत या मनोज में से कोई एक बनेंगे सभापति: 14 एमआईसी के लिए मंथन शुरू, महापौर की शपथ के बाद तैयार हो जाएगी शहर सरकार की नई टीम – Raipur News



रायपुर में ऐेतिहासिक जीत हासिल करने के बाद नगर निगम में जल्द ही सभापति और एमआईसी सदस्यों का चुनाव होगा। रायपुर नगर निगम में इस समय प्रशासक बैठे हुए हैं। राज्य शासन की ओर से प्रशासक की नियुक्ति को शून्य करने और नए महापौर समेत पार्षदों के निर्वाचन का न

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इसी के साथ नगर निगम में सामान्य सभा बुलाई जाएगी। इसमें सभापति का चयन होगा। सभापति के चयन के बाद महापौर मीनल चौबे चार्ज लेंेगी और अपनी एमआईसी का गठन करेंगी। इसी के साथ सभी दस जोनों में एक-एक जोन अध्यक्ष की नियुक्ति की जाएगी। सभी दस जोनों में भाजपा से ही अध्यक्षों की नियुक्ति होगी। संख्याबल में कम होने के कारण कांग्रेस किसी भी जोन में अध्यक्ष के लिए दावा ही नहीं कर पाएगी।

सभापति की दौड़ में सबसे आगे चार बार के पार्षद और पूर्व नेता प्रतिपक्ष सूर्यकांत राठौर का नाम सबसे आगे चल रहा है। राठौर काफी तेज तर्रार और अपने सधे हुए तर्कों से विपक्ष को करारा जवाब देने में माहिर हैं। नियम-कानून और नगर निगम के प्रावधानों की भी अच्छी जानकारी रखते हैं। इसलिए सभापति की दौड़ में उनका नाम प्रबलता से लिया जा रहा है।

हालांकि उन्होंने खुद किसी भी तरह से अपनी दावेदारी से इंकार करते हुए अपना फैसला पार्टी पर छोड़ दिया है। उनका कहना है कि पार्टी जैसा आदेश करेगी, उन्हें स्वीकार्य होगा। दूसरी तरफ पिछले कार्यकाल में उपनेता प्रतिपक्ष रहे मनोज वर्मा को भी बड़ी जिम्मेदारी देने की चर्चा चल रही है। वे बृजमोहन खेमे से माने जाते हैं।

नगर निगम में महापौर मीनल चौबे मूणत खेमे से हैं। इस समीकरण के आधार पर महापौर के बराबर सभापति के महत्वपूर्ण संवैधानिक पद के लिए उनका नाम भी लिया जा रहा है। वे सभापति नहीं बनाए जाएंगे तो एमआईसी में बड़ा विभाग दिया जाएगा। निगम सूत्रों का कहना है कि सभापति अपने जोन का अध्यक्ष भी होता है।

सूर्यकांत राठौर सभापति बनते हैं तो वे जोन-2 के अध्यक्ष भी होंगे। अगर मनोज वर्मा को सभापति बनाया जाता है तो वे जोन-4 के अध्यक्ष भी रहेंगे। नगर निगम में 14 एमआईसी सदस्यों की नियुक्ति की जाएगी। पार्टी सूत्रों का कहना है कि इसमें वरिष्ठता और नए चुनकर आए तथा महिला पार्षदों को एडजस्ट किया जाएगा।

रायपुर नगर निगम में चार विधानसभा आते हैं। चारों में भाजपा के विधायक हैं। हर विधायक अपने खेमे से चुनकर निगम में पहुंचे पार्षद को महत्वपूर्ण स्थान दिलाने की कोशिश करेंगे।

बताया जा रहा है जो लोग एमआईसी में नहीं आ सकेंगे, उन्हें जोन अध्यक्ष के रूप में एडजस्ट किया जाएगा। पार्टी और संगठन के वरिष्ठ नेताओं के बीच तालमेल से एमआईसी और जोन अध्यक्षों की नियुक्ति होगी।

जोन अध्यक्षों के लिए फार्म भी नहीं भर पाएगी कांग्रेस चुनाव में कांग्रेस की इतनी बुरी तरह हार हुई है कि वे निगम में ना तो मजबूत विपक्ष की स्थिति में रहेंगे और ना ही जोन अध्यक्षों के लिए दावेदारी कर पाएंगे। जोन अध्यक्ष के लिए हर जोन में एक प्रत्यक्षी और एक प्रस्ताव और एक समर्थक होना जरूरी है। कांग्रेस के पास सभी दस जोनों के लिए प्रत्याशी ही नहीं हैं। उनके महज सात पार्षद ही जीते हैं। ऐसी स्थिति में वे सभी जोनों में जोन अध्यक्ष के लिए फार्म ही नहीं भर पाएंगे।

ये है एमआईसी की दौड़ में सरिता आकाश दुबे, दीपक जायसवाल, साधना प्रमोद साहू, गज्जू साहू, अमर गिदवानी, गायत्री सुनील चंद्राकर, रामहिन कुर्रे, अवतार बागल, सुमन अशोक पांडे,आशु चंद्रवंशी, डा. अनामिका सिंह, स्वप्निल मिश्रा, गोपेश साहू, संतोष साहू।

सामान्य सभी रहेगी औपचारिकता मजबूत विपक्ष के अभाव में नगर निगम में सामान्य सभा महज औपचारिकता बनकर रह जाएगी। महापौर और उनकी एमआईसी के सदस्य जो भी प्रस्ताव जाएंगे उसपर सामान्य सभा में चर्चा के लिए कांग्रेस के महज सात प्रत्याशी हैं। इनमें संदीप साहू ही एकमात्र सीनियर पार्षद हैं। शेष मुशीर समेत पांच महिला पार्षदों को नगर निगम का अनुभव ही नहीं है। वे अपनी बातें रख सकते हैं ।



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