डड्डूमाजरा में फॉर्च्यूनर सवार गुरजीत सिंह भूरा पर हुई फायरिंग मामले की जांच अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपी जाएगी। इस मामले में विदेश में बैठे गैंगस्टर गोल्डी बराड़ की संलिप्तता सामने आई है, जिसके बाद एनआईए ने अपनी जांच शुरू कर दी है। चंडी
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मामले में पहले ही अमृतसर पुलिस द्वारा फरीदकोट के गांव ढीलवां कुर्द निवासी गैंगस्टर हर्षदीप सिंह और गुरशरनजीत सिंह को गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस के अनुसार, दोनों ने स्वीकार किया है कि उन्होंने गोल्डी बराड़ के निर्देश पर गुरजीत सिंह भूरा पर फायरिंग की थी, क्योंकि भूरा ने गैंगस्टर की फिरौती मांग को नकार दिया था।
अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन और एनआईए की जांच
गोल्डी बराड़ का नेटवर्क भारत के साथ-साथ विदेशों में भी फैला हुआ है। वह ट्राईसिटी क्षेत्र में व्यापारियों और क्लब मालिकों से फिरौती की मांग करता है, और न देने पर उन पर हमले करवाता है। एनआईए की जांच टीम ने अमृतसर पुलिस से आरोपियों के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर ली है और जल्द ही हर्षदीप सिंह और गुरशरनजीत सिंह का प्रोडक्शन वारंट लेकर उनसे गहन पूछताछ की जाएगी।
सेक्टर-31 का फिरौती मामला भी एनआईए के हाथों में
बता दें कि, इससे पहले भी चंडीगढ़ में कोयला व्यापारी कुलदीप सिंह मक्कड़ की कोठी पर फायरिंग मामले में गोल्डी बराड़ का नाम सामने आया था। जनवरी में हुई इस घटना के बाद एनआईए ने 8 मार्च को इस केस की जांच अपने हाथ में ली थी। उस मामले में पुलिस ने कुल 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जिनमें गुरविंद्र सिंह उर्फ लाडी, शुभम कुमार उर्फ पंडित, अमृतपाल सिंह उर्फ गुज्जर, कमलप्रीत सिंह, काशी सिंह, सरबजीत सिंह, और गगनदीप सिंह शामिल थे।
डंपिंग ग्राउंड के पास हुई थी फायरिंग
2 सितंबर की रात, गुरजीत सिंह भूरा पर फायरिंग तब हुई जब वह अपने जिम से घर लौट रहा था। पुलिस ने इस मामले में टैक्सी चालक मानसा निवासी गुरविंदर सिंह को भी गिरफ्तार किया है, जो पकड़े गए गैंगस्टरों से संपर्क में था। फायरिंग की यह घटना डंपिंग ग्राउंड के पास हुई थी, जहां से पुलिस ने 4 पिस्तौल और 32 कारतूस बरामद किए थे।एनआईए अब पूरे मामले की जांच कर रही है और गोल्डी बराड़ के अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का पर्दाफाश करने की दिशा में कदम उठा रही है।