मध्यप्रदेश के भिंड और उत्तर प्रदेश के इटावा को जोड़ने के लिए चंबल नदी पर एक आधुनिक केबल-स्टे पुल का निर्माण किया जाएगा। यह पुल मुंबई के बांद्रा-वर्ली सी लिंक की तर्ज पर बनाया जाएगा, जिससे क्षेत्र में यातायात सुगम होगा। इस बहुप्रतीक्षित परियोजना के तह
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बरही-उदी के बीच स्थित मौजूदा पुल 1975 में बनाया गया था, जो अब 49 साल पुराना हो चुका है। लगातार क्षतिग्रस्त होने और बढ़ते यातायात के दबाव के कारण इसकी स्थिति जर्जर हो गई थी, जिससे नए पुल की जरूरत महसूस की जा रही थी।
296 करोड़ की लागत से होगा निर्माण दो साल पहले केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने चंबल नदी पर नए पुल और यमुना नदी पुल से इसे जोड़ने वाली फोरलेन सड़क के लिए 296 करोड़ रुपये की मंजूरी दी थी। इस परियोजना का कार्य दिल्ली की एएससी इंफ्राटेक लिमिटेड को सौंपा गया है।
चंबल पुल का भूमि पूजन करते हुए।
पुल की प्रमुख विशेषताएं
- केबल-स्टे डिजाइन: मुख्य स्पैन स्टील केबल्स के सहारे होगा, जिससे पुल अधिक मजबूत और स्थायी रहेगा।
- चौड़ाई: लगभग 14 मीटर, जिससे चार लेन का यातायात संभव होगा।
- लंबाई: कुल 594 मीटर से अधिक होगी।
- ऊंचाई: 130 मीटर ऊंचा होगा, जिससे इसका डिजाइन भव्य और मजबूत रहेगा।
- निर्माण सामग्री: कांक्रीट, स्टील और प्रीकास्ट सेगमेंट का उपयोग किया जाएगा।
- आधुनिक रोशनी व्यवस्था: पुल पर विशेष रोशनी लगाई जाएगी, जिससे रात में भी बेहतर दृश्यता मिलेगी।
विकास को मिलेगी नई रफ्तार इस पुल के निर्माण से मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की कनेक्टिविटी मजबूत होगी। यह न केवल परिवहन और व्यापार को बढ़ावा देगा, बल्कि पर्यटन और स्थानीय रोजगार के नए अवसर भी सृजित करेगा।